कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर के दौर में भारतीय टीम की सबसे बड़ी परीक्षा इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट में होगी, जिसमें उसे जसप्रीत बुमराह के बगैर उतरना पड़ सकता है। कप्तान और कोच ने इंग्लैंड दौरे पर बार-बार 20 विकेट लेने की बात कही है। गिल ने कहा है कि वह 20 विकेट कम से कम समय में लेने के लिए चार पुछल्ले बल्लेबाजों को खिलाने के लिए तैयार हैं। लीड्स में हार के तुरंत बाद गंभीर ने दोहराया कि पहली प्राथमिकता 20 विकेट लेना है। अब सवाल यह है कि क्या 20 विकेट लेने के लिए कुलदीप यादव को खिलाने का जोखिम लिया जाएगा?

हेडिंग्ले में भारत ने जो प्लेइंग 11 उतारी, वह उम्मीद के मुताबिक ही थी। टीम में शार्दुल ठाकुर की मौजूदगी से उन्हें ऑस्ट्रेलिया में नितीश कुमार रेड्डी की तुलना में बेहतर गेंदबाजी विकल्प मिला। साथ ही नंबर 8 पर बल्लेबाजी करने वाला कोई खिलाड़ी भी मिला। हालांकि; शार्दुल दोनों में से किसी रोल में प्रभावी नहीं दिखे। ठाकुर ने पहली पारी में 1 और दूसरी में 4 रन बनाए। 182.4 ओवरों में से केवल 16 ओवर गेंदबाजी करने को मिले।

शार्दुल को खिलाना ही साहसिक फैसला था

पहली पारी में ठाकुर को 40वें ओवर तक गेंदबाजी नहीं दी गई। गेंदबाजी के दौरान वह न तो विकेट लेते दिखे और न रोकने में सक्षम थे। समस्या यह है कि अगर आपने ऑस्ट्रेलिया में भारत की रणनीति को देखी होगी तो लगेगा कि शार्दुल को खिलाना ही साहसिक फैसला था। ऑस्ट्रेलिया में वह 5 प्रॉपर गेंदबाजों के साथ एक भी मैच नहीं खेली। सिडनी टेस्ट में तो टीम तीन तेज गेंदबाज के अलावा नितीश कुमार रेड्डी, रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर जैसे तीन ऑलराउंडर्स के साथ उतर गई।

शार्दुल की जगह नितीश को खिलाने से कैसे लेंगे 20 विकेट

गिल और गंभीर के दिमाग में हेडिंग्ले में 41 रन पर 7 और 31 रन पर 6 विकेट भी होगा। निचले क्रम के इस प्रदर्शन को देखकर मैनेजमेंट शार्दुल की जगह बल्लेबाजी ऑलराउंडर नितीश रेड्डी को खिलाने को लेकर विचार करने पूरा कारण देता है, लेकिन इससे 20 विकेट लेने की संभावनाओं को चोट पहुंचेगी। टेस्ट मैच जीतने के लिए भारत को यह निचले क्रम के रन की इच्छा को त्याग देनी चाहिए।

जडेजा के अलावा चार प्रॉपर गेंदबाजों को खेलना चाहिए

भारत को जडेजा के अलावा चार प्रॉपर गेंदबाजों को खेलना चाहिए। बोर्ड पर ज्यादा से ज्यादा रन टांगने की कोशिश करने बजाय विपक्षी टीम को सस्ते में आउट करने के बारे में सोचना चाहिए। उन्हें यह सोचना चाहिए कि 471 और 364 रन पर्याप्त होगा। बैजबॉल पिच और नई ड्यूक के बारे में नहीं सोचना चाहिए, जो पहले की तुलना में जल्दी नरम हो जाती है और कम स्विंग करती है।

कलाई के स्पिनर को खिलाना अच्छा विकल्प

शार्दुल ठाकुर की जगह तेज गेंदबाज खिलाया जाए या स्पिनर यह फैसला परिस्थितियों पर निर्भर करता है, लेकिन इंग्लैंड में असामान्य ड्राई गर्मी और बैजबॉल युग के दौरान सपाट पिचों पर कलाई के स्पिनर को खिलाना अच्छा विकल्प हो सकता है। किसी अन्य टीम या किसी अन्य युग में कुलदीप यादव एक प्रमुख टेस्ट स्पिनर होते, लेकिन वह ऐसे दो स्पिनर्स के कारण नहीं खेले हैं, जो टेस्ट शतक बनाने में सक्षम हैं।

कुलदीप क्यों हो सकते हैं खतरनाक

अच्छी बात यह है कि कुलदीप अभी भी केवल 30 वर्ष के हैं। 13 टेस्ट के बाद उनका औसत 22.16 है और वे अभी अपने शिखर पर हैं। वे फिंगर स्पिनर की तुलना में हवा में अधिक मदद प्राप्त करते हैं और गेंद को दोनों तरफ घुमा सकते हैं। फिंगरस्पिनर को बल्ले का किनारा लेने के लिए पिच से मदद चाहिए होता है। इंग्लैंड ने लीड्स में जडेजा के खिलाफ 39 रिवर्स-स्वीप खेले। यह शॉट कलाई के स्पिनर के खिलाफ आसानी से नहीं खेला जा सकता।

इंग्लैंड की बल्लेबाजी इकाई के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन

कुलदीप ने हाल ही में इंग्लैंड की बल्लेबाजी इकाई के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है। 2024 में जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था तब उन्होंने चार टेस्ट मैचों में 19 विकेट लिए थे। धर्मशाला में आखिरी टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे थे। हालांकि, ये भारतीय पिचें थीं, लेकिन ये बहुत टर्न नहीं ले रही थीं। ऐसा नहीं है कि कुलदीप बल्लेबाजी नहीं कर सकते। वह कम से कम एक छोर को संभाले रख सकते हैं। वह मेहनत भी खूब कर रहे हैं। वह नेट्स में खूब गेंदबाजी कर रहे हैं। लीड्स में हर सत्र के ब्रेक के दौरान साइड पिचों पर भी गेंदबाजी कर रहे थे।

शेन वार्न ने झटके खे 40 विकेट

भारत को 2005 की एशेज सीरीज भी ध्यान में रखना चाहिए। इंग्लैंड के बल्लेबाजी कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक मेजबान टीम का हिस्सा थे, जिसकी इसी तरह तेजी से रन बनाने की रणनीति थी। तब और अब की पिचें बल्लेबाजी के लिए समान रूप से अच्छी हैं। ऑस्ट्रेलिया को ग्लेन मैकग्रा की सेवाएं नहीं मिली थीं। तब कलाई के स्पिनर दिग्गज शेन वार्न ने सीरीज में सबसे ज्यादा 40 विकेट लिए थे।