आज पूरी दुनिया में प्यार का त्यौहार 14 फरवरी यानी कि वेलेंटाइन डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। वैसे तो 14 फरवरी से पूरी दुनिया में कई प्यारी और दिलचस्प घटनाएं जुड़ी हैं। लेकिन क्रिकेट में 14 फरवरी की तरीख एक शर्मनाक रिकॉर्ड से जुड़ी हैं। आइए जानते हैं क्रिकेट और 14 फरवरी के बीच अजीब संयोग के बारे में….
साल 1896 में इंग्लैंड की क्रिकेट टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने साउथ अफ्रीका गई थी। 13 फरवरी से पहला मैच पोर्ट एलिजाबेथ में खेला गया। साउथ अफ्रीकी कप्तान हेलिविली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी और पूरी टीम पहली पारी में महज 185 रन पर सिमट गई। टीम के आधे बल्लेबाज तो दहाई का अंक भी नहीं छू पाए। साउथ अफ्रीकी टीम जब बैटिंग करने आई तो उनके बल्लेबाजों की स्थिति इंग्लिश बल्लेबाजों से भी खराब रही। पूरी अफ्रीकी टीम पहली पारी में 93 रन पर ऑलआउट हो गई। टीम के सात बल्लेबाज दहाई का अंक भी नहीं छू सके। इंग्लिश टीम दूसरी पारी में 226 रन बनाने में कामयाब रही और इस तरह इंग्लैंड ने अफ्रीका को जीत के लिए 319 का लक्ष्य दिया।
साउथ अफ्रीका के लिए यह लक्ष्य असंभव साबित हुआ और पूरी टीम महज 30 रन पर ऑलआउट हो गई। ये पहली बार था कि टेस्ट में कोई टीम इतने कम स्कोर पर ढेर हुई थी। इस मैच में इंग्लैंड के जॉर्ज लोहमन ने शानदार गेंदबाजी की और पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में 8 विकेट अपने नाम किए। इस तरह 14 फरवरी की तारीख क्रिकेट के इतिहास में एक शर्मनाक रिकॉर्ड के रूप में दर्ज हो गई। गौरतलब है कि टेस्ट में सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाम दर्ज है। कीवी टीम साल 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन पर सिमट गई थी। यही नहीं इस मामले में भारत का रिकॉर्ड भी काफी खराब है। साल 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस के मैदान टीम इंडिया महज 42 रन पर ढेर हो गई थी।