आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का सेमीफाइनल मुकाबला गंवाने के बाद से महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की अटकलें जारी हैं। धोनी की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भी उन्हें लेकर अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। वह उहापोह में है। यही वजह रही है कि वेस्टइंडीज दौरे के लिए 19 जुलाई को होने वाला टीम के ऐलान की तारीख आगे बढ़ा दी गई है।
चयनकर्ता चौथे नंबर पर किसे चुनें इस पर भी कोई फैसला नहीं ले पाए हैं। इस बीच, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने चयनकर्ताओं को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि धोनी को लेकर ज्यादा जज्बाती होने की जरूरत नहीं है। गंभीर का मानना है कि पूर्व कप्तान का सुनहरा दौर बीत चुका है और चयनकर्ताओं को उनके भविष्य के बारे में व्यावहारिक होकर फैसला लेना चाहिए।
गंभीर ने एक टीवी शो में कहा, ‘भविष्य की ओर देखना जरूरी है। जब धोनी कप्तान थे तब उन्होंने भी युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था। मुझे याद है कि 2012 में धोनी जब ऑस्ट्रेलिया में थे तो कहते थे कि मैं, सचिन और सहवाग सीबी सीरीज में इसलिए नहीं खेल सकते, क्योंकि वहां के मैदान काफी बड़े थे। उन्होंने वर्ल्ड कप के लिए युवा खिलाड़ियों की मांग की थी, इसलिए जज्बाती होकर फैसला लेने की जगह व्यावहारिक निर्णय लेना जरूरी है।’
उन्होंने कहा, ‘यह समय युवा खिलाड़ियों को तैयार करने का है। फिर चाहे वह ऋषभ पंत, संजू सैमसन, ईशान किशन या फिर कोई अन्य विकेटकीपर ही क्यों न हो। जो भी क्षमतावान लग रहा हो उसे विकेटकीपर बनाया जाना चाहिए। उसे डेढ़ साल तक मौका दीजिए। अगर वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है तो दूसरों को आजमाया जाए। इसी तरह ही हमें पता चलेगा कि अगले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में विकेटकीपर की जिम्मेदारी कौन निभा सकता है।’ भारत का वेस्टइंडीज दौरा 3 अगस्त से शुरू होना है। इसके लिए 19 जुलाई को टीम का ऐलान होना था, लेकिन बीसीसीआई ने इसे टाल दिया।