भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। विदेशी दौरे पर बतौर भारतीय टेस्ट कप्तान सौरव गांगुली सबसे सफल रहे हैं। भारत के लिए 49 टेस्ट मैचों में कप्तानी करने वाले गांगुली भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान रहे हैं। साल 2003 वर्ल्ड कप में गांगुली की कप्तानी में टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था, यह बात अलग है कि फाइनल में टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा। गांगुली ने अपना पहला टेस्ट डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ साल 1996 में किया था। Beefy’s Cricket Tales नामक किताब में दादा ने उस दौरे पर घटी एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जिसे वह आज तक नहीं भूला पाए हैं। दरअसल, मैच के बाद गांगुली नवजोत सिंह सिद्धू के साथ इंग्लैंड घूमने निकले थे और इस दौरान ट्रेन में उनकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जो बिल्कुल होश में नहीं थे। अंडरग्राउंड ट्रेन में सफर के दौरान सौरव गांगुली के सामने वाली सीट पर दो लड़के और तीन लड़कियां बैठकर शराब पी रहे थे और जोर-जोर से चिल्ला रहे थे।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली। (फोटोः एपी)

इस दौरान उन्हीं में से एक लड़के ने सौरव गांगुली के मुंह पर बियर का केन फेंका। गांगुली ने इस किताब में लिखा कि उन्हें लगा कि वह उनकी इस हरकत पर किसी तरह का रिएक्ट करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। गांगुली के मुताबिक वह चुपचाप बोतल को साइड में रखकर बैठ गए और वहां से चलने की बात करने लगे, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू उन लड़कों की इस हरत को बर्दाशत नहीं कर पाए और उलझ गए।

सिद्धू ने उनसे काफी देर तक बहस की, इसके बाद गांगुली ने उनसे दूसरे कंपार्टमेंट में चलने को कहा। गांगुली की बात सुनते ही एक लड़का भड़क गया और उसने गांगुली के ऊपर बंदूक तान दी। गांगुली ने लड़के को धक्का देकर वहां से भागना ही बेहतर समझा। गांगुली ने किताब में लिखा कि बंदूक देखकर एक पल के लिए उन्हें ऐसा लगा कि आज इसी ट्रेन में उनकी जिंदगी समाप्त हो जाएगी।