FIFA BANNED INDIAN FOOTBALL: फीफा ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को सोमवार 15 अगस्त 2022 की रात निलंबित कर दिया। इसके साथ ही भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी खतरे में पड़ गई है। फीफा ने कहा है कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा। यह पिछले 85 साल के इतिहास में पहला अवसर है जबकि फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगाया।
फीफा ने एक बयान में कहा, ‘निलंबन तभी हटेगा जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की जगह प्रशासकों की समिति के गठन का फैसला वापस लिया जाएगा और एआईएफएफ प्रशासन को महासंघ के रोजमर्रा के काम का पूरा नियंत्रण दिया जाएगा।’ फीफा ने कहा, ‘इसके मायने हैं कि अंडर-17 महिला विश्व कप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत में नहीं हो सकता।’ बयान में यह भी कहा गया, ‘फीफा भारत के खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है। हमें सकारात्मक नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद है।’
यदि टूर्नामेंट कहीं और आयोजित किया जाता है, तो इस टूर्नामेंट में भारत के हिस्सा लेने पर भी संदेह होगा, क्योंकि देश की अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम क्वालिफाई करने के आधार पर नहीं, बल्कि मेजबान होने के आधार पर इसका हिस्सा थी।
IMPACT OF FIFA BAN: फुटबॉल के सभी पहलुओं पर पड़ेगा प्रतिबंध का असर
इस निलंबन का असर अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार खोने से भी बड़ा हो सकता है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी पर प्रतिबंध से लेकर उनमें प्रतिस्पर्धा करने के साथ-साथ क्लब प्रतियोगिताओं के लिए विदेशी खिलाड़ियों को साइन करने तक शामिल हो सकता है।
प्रतिबंध का असर फुटबॉल के लगभग सभी पहलुओं पर भी पड़ेगा। सीनियर राष्ट्रीय टीम को भी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने से रोका जा सकता है। अगले महीने सिंगापुर और वियतनाम के खिलाफ दो मैत्री मैचों का भविष्य अनिश्चित है। मुख्य कोच इगोर स्टिमैक ने इन मैचों को अगले साल के एशियाई कप के लिए टीम के निर्माण को शुरू करने के लिए निर्धारित किया था।
सिर्फ राष्ट्रीय टीमों को ही नहीं, क्लबों को महाद्वीपीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, वे अपने रोस्टर में पहले से मौजूद खिलाड़ियों के अलावा अन्य विदेशी खिलाड़ियों को भी साइन करने में असमर्थ होंगे।
2020 से चुनाव नहीं कराने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल से छीनी थी अध्यक्षी
उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2020 से चुनाव नहीं करवाने के कारण 18 मई को प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और एआईएफएफ के संचालन के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एआर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्य प्रशासकों की समिति (सीओए) का गठन किया था।

सीओए को राष्ट्रीय खेल संहिता और दिशा निर्देशों के अनुसार एआईएफएफ के संविधान को तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। फीफा ने हालांकि कहा कि उसने भारत के लिए सभी विकल्प बंद नहीं किए हैं। वह खेल मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है और उसे महिला जूनियर विश्व कप को लेकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।
फीफा ने 5 अगस्त 2022 को एआईएफएफ को निलंबित करने और महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी छीनने की धमकी दी थी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 3 अगस्त को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति को सीओए द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। चुनाव 28 अगस्त को होंगे तथा चुनाव प्रक्रिया 13 अगस्त से शुरू हो चुकी है। शीर्ष अदालत ने सीओए द्वारा तैयार की गई समय सीमा को मंजूर कर लिया था।