Faf Du Plessis jealous AB de Villiers: साउथ अफ्रीका (South Africa) के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस (Faf Du Plessis) ने अपने नए किताब फाफ: थ्रो फायर (Faf: Through Fire) में खुलासा किया है कि वह स्टार क्रिकेटर एबी डी विलियर्स (AB de Villiers) से जलते थे। उन्होंने यह भी बताया है कि संन्यास से लौटकर मिस्टर 360 डिग्री प्रोटियाज टीम में वापसी चाहते थे, लेकिन डु प्लेसिस नहीं माने और बचपन के दोस्त के साथ संबंध और खराब हो गए। न्यूजीलैंड के खिलाफ डिविलियर्स के रन आउट होने पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी।
एबीडी ने संन्यास की घोषणा की तो क्या हुआ
डुप्लेसिस ने अपने किताब में डी विलियर्स को लेकर कहा है कि वह उनसे काफी जलन महसूस करते थे। उन्होंने बाद में इसे स्वीकार लिया और उन्हें अच्छा महसूस होने लगा। दोनों के संबंध और खराब हो गए जब एबीडी ने संन्यास की घोषणा। इससे ग्रीम स्मिथ, जैक्स कैलिस और मोर्ने मोर्केल के जाने के बाद टीम और अस्थिर हो गई। साल 2019 वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2019) से पहले से ठीक पहले डिविलियर्स ने टीम में वापसी की इच्छा जताई, जिसे डु प्लेसिस ने अस्वीकार कर दिया, जिससे रिश्ते और भी खराब हो गए।
जब डुप्लेसिस को मिली जान से मारने की धमकी
डु प्लेसिस ने किताब में 2011 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल का किस्सा भी बताया है। न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को 222 का लक्ष्य दिया था। वह डी विलियर्स के साथ क्रीज पर थे। दूसरी गेंद पर उन्होंने सिंगल के लिए कॉल किया, जिससे डिविलियर्स को उनका विकेट और दक्षिण अफ्रीका को मैच गंवाना पड़ा। उन्होंने कहा, ” न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मुझ पर चढ़ गए थे। वे मुझे चोकर कहने लगे। मेरे मन में लंबे समय से उनके प्रति काफी नाराजगी थी। काइल मिल्स को धक्का देने के लिए मैच फीस का 50% काट लिया गया था। बाद में उन्हें डिविलियर्स को रन आउट करने के लिए जान से मारने की धमकी मिली थी।”
‘जिपगेट’ और मिंटगेट का भी जिक्र
किताब में डु प्लेसिस ने ‘जिपगेट’ जैसे मैच के दौरान अपने साथ जुड़े विवादित क्षणों का भी खुलासा किया है। उन्हें 2013 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पतलून के जिपर पर गेंद को रगड़ने का दोषी पाया गया था। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2016 में ‘मिंटगेट’ में वह दोषी पाए गए थे। इस दौरान उन्हें गेंद को मिंट से चमकाते हुए देख गया था। उन्होंने कहा, “मैं पर्फेक्ट नहीं हूं। मैंने कभी होने का दावा नहीं किया है। मैं कभी भी सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी नहीं रहा।