इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) 2024 टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी अमेरिका को सौंप सकता है। इसके पीछे उसका इरादा एक तीर से दो शिकार करने की है। 2024 टी20 वर्ल्ड कप के अमेरिका में होने से वहां इस खेल का प्रसार होगा। साथ ही उसकी कमाई में भी बढ़ोत्तरी होगी। वहीं 2028 लास एंजिल्स ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल कराने की आईसीसी की मुहिम में भी यह टूर्नामेंट ‘लांच पैड’ के तौर पर काम कर सकता है।
उम्मीद है कि आईसीसी अमेरिका क्रिकेट और क्रिकेट वेस्टइंडीज की मिलकर मेजबानी करने की संयुक्त बोली को चुन सकता है। ‘सिडनी मार्निंग हेराल्ड’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘आईसीसी टूर्नामेंट के अगले चक्र के स्थलों पर फैसला जल्द किया जाना है और वैश्विक फोकस का मतलब होगा कि इन्हें हालिया समय की तुलना में व्यापक तौर पर वितरित किया जाए।’
अगर सब योजना के अनुसार चलता है तो बांग्लादेश में हुए 2014 टी20 विश्व कप के बाद यह पहला वैश्विक टूर्नामेंट होगा, जिसकी मेजबानी न तो भारत और न ही इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया करेंगे। आईसीसी लंबे समय से उभरते हुए देशों को इस बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी के अधिकार देने के बारे में सोच रहा है।
साल 2024 टी20 विश्व कप में 20 टीमों के होने की उम्मीद है। इसमें 2021 और 2022 चरण (16 टीमों के बीच 45 मैच) की तुलना में 55 मैच कराए जाएंगे। आईसीसी 2024 और 2031 के बीच कई वैश्विक टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। इसकी शुरुआत 2024 टी20 विश्व कप से होगी।
ऑस्ट्रेलिया के इस दैनिक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, ‘इस महत्वपूर्ण कदम के अलावा अमेरिका को 2024 टूर्नामेंट का मेजबान चुनना ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लंबे इंतजार के लिए ‘लांच पैड’ के तौर पर भी काम करेगा, ताकि इस खेल को लास एंजिल्स 2028 ओलंपिक के बाद 2032 ब्रिसबेन तक जारी रखा जा सके।’
हालिया समय में भारत, श्रीलंका समेत कुछ दक्षिण एशियाई देशों के घरेलू क्रिकेटर्स ने अमेरिका का रुख किया है। वहां उनके अमेरिका की राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाने की संभावना ज्यादा है। कुछ सप्ताह पहले ही अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद ने अमेरिका का रुख किया था। वह वहां के घरेलू टूर्नामेंट्स में खेल रहे हैं।