भारत की टी20 विश्व कप जीत के दौरान वह जसप्रीत बुमराह ही थे जिन्होंने बार-बार टीम को छोटे-मोटे संकटों से उबारा। जसप्रीत बुमराह की कहानी बताती है कि कैसे भारतीय क्रिकेट ने खुद को डेमोक्रेटाइज्ड बनाया और विश्व विजेता बना। जसप्रीत बुमराह पारंपरिक रूप से मजबूत क्रिकेट बेस से नहीं हैं, उनके पास पारंपरिक गेंदबाजी एक्शन नहीं है, उनके पास लंबा रन-अप नहीं है और सिस्टम में उनका कोई गॉडफादर नहीं है।
TV देखकर सीखीं गेंदबाजी की बारीकियां
पंजाब-सिख परिवार में जन्में जसप्रीत बुमराह अहमदाबाद में एक मध्यम-वर्गीय माहौल में पले-बढ़े। उन्होंने टेलीविजन देखकर खेल की बारीकियां खुद ही सीखीं। सौभाग्य से उनकी प्रतिभा को पहचाना गया और आगे बढ़ने दिया गया। स्व-शिक्षित, स्व-निर्मित, भारत में उनसे बेहतर कोई तेज गेंदबाज कभी नहीं हुआ। जसप्रीत बुमराह को टी20 विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था, जिसे भारतीय टीम ने पिछले महीने जीता था।
जसप्रीत बुमराह गुरुवार 25 जुलाई 2024 की शाम गृहनगर अहमदाबाद में एक्सप्रेस अड्डा में मेहमान बनकर आएंगे। वह इंडियन एक्सप्रेस समूह के कार्यकारी निदेशक अनंत गोयनका और इंडियन एक्सप्रेस के नेशनल स्पोर्ट्स एडिटर संदीप द्विवेदी से बातचीत करेंगे। बुमराह का दबदबा दुनिया भर के तेज गेंदबाजों से मिले सम्मान और प्रशंसा से उजागर होता है।
महान क्रिकेटर्स भी हैं बुमराह के प्रशंसक
जसप्रीत बुमराह के प्रशंसकों में वेस्टइंडीज के महान एंडी रॉबर्ट्स से लेकर पाकिस्तान के वसीम अकरम तक शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में मजाक में कहा था कि बुमराह को कहर बरपाने से रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि आप उनके जूते चुरा लीजिए। यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि अगर भारत को निकट भविष्य में टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे विश्व कप जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करना है, तो बहुत कुछ बुमराह पर निर्भर करेगा।
एक्सप्रेस अड्डा, इंडियन एक्सप्रेस समूह की ओर से आयोजित अनौपचारिक बातचीत की एक सीरीज है। इसमें बदलाव के केंद्र में रहने वाले लोगों को शामिल किया जाता है। एक्सप्रेस अड्डा में पिछले मेहमानों में विदेश मंत्री एस जयशंकर, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली और रोहित शर्मा, शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद, ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और मोटिवेशनल स्ट्रैटिजिस्ट गौर गोपाल दास शामिल हैं।