बांग्लादेश के साथ ड्रा शृंखला ने भारत के खिलाफ नौ नंवबर से शुरू हो रहे पहले टैस्ट के लिए एकादश चुनने में इंग्लैंड के समक्ष मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। साथ ही, अभ्यास मैच नहीं मिलने से भारतीय परिस्थितियों में एकादश बनाना और दुरुह काम हो गया है। बांग्लादेश से दूसरे टैस्ट में मिली हार ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी और गेंदबाजी की कमजोरी को सामने ला दिया है। बल्लेबाजी में उनके पास ढंग के बल्लेबाज नहीं हैं हालांकि बेन स्टोक्स भारत में उसका मजबूत पक्ष हैं जो कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी में इंग्लैंड के स्तंभ हैं। वहीं बेन डकेट ने बांग्लादेश में एक पारी खेलकर कुछ उम्मीदें जगाई हैं। ऐसे में इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बेलिस और कप्तान एलिस्टेयर कुक के लिए श्रेष्ठ 11 खिलाड़ियों का चयन बड़ा सिरदर्द है। दोनों को मिल-बैठकर अच्छे बल्लेबाज और गेंदबाज चुनने हैं। कुक के सामने न सिर्फ अच्छे स्पिनर चुनने की चुनौती है बल्कि अच्छे तेज गेंदबाजों का संयोजन तैयार करना भी है। मुख्य तेज गेंदबाज जिमी एंडरसन जख्मी हैं और कुक को लगता है कि वे तीसरे टैस्ट तक भी फिट हो जाते हैं, तो गेंदबाजी में एक बड़ी कमी पूरी हो जाएगी। कोच बेलिस आत्मविश्वास से लबरेज हैं। बांग्लादेश में पराजय के बावजूद वे इंग्लैंड को खारिज किए जाने से सहमत नहीं है। इसकी वजह है उनका उपमहाद्वीप और एशिया में लंबा अनुभव। बेलिस ने श्रीलंका क ो लंबे अरसे तक प्रशिक्षण दिया है।
बेलिस का अनुभव कहता है कि भारत में बहुत कुछ पिच पर निर्भर करेगा। यदि पिच शुरू में सपाट रहती है और बाद में स्पिन लेती है तो ऐसे में क्रीज पर लंबे समय तक टिकने की जरूरत है। यदि ढाका और चटगांव की माफिक पिच से शुरुआत में ही मूवमेंट मिलता है तो ऐसे में ठोस डिफेंस वाले बल्लेबाज को निपटाने में कोई भी विकेट चटकाऊ गेंद काफी होगी। ऐसे में गेंदबाजों के सामने चुनौती पेश करने की जरूरत होगी और उन्हें खराब गेंदबाजी के लिए मजबूर करना होगा।
बेलिस को मध्यक्रम की सिरदर्र्दी को दूर करना है। चौथे क्रम के बल्लेबाज गैरी बैलेंस बांग्लादेश में चार पारियों में 24 रन ही जुटा पाए थे। बेलिस के फॉर्मूले में हसीब हमीद ओपनिंग में और बेन डकेट नंबर चार के लिए मुफीद रहेंगे। ऐसे में जोस बटलर के लिए टीम में जगह निकल आएगी। डकेट ने बांग्लादेश के खिलाफ चौथी पारी में अर्धशतक लगाया था।
राजकोट में पहले टैस्ट के लिए इंग्लैंड की स्पिन गेंदबाजी में मोइन अली का ही स्थान पक्का है। बेलिस का मानना है कि बांग्लादेश में इंग्लिश स्पिनरों ने औसत गेंदबाजी ही की। इंग्लैंड के स्पिनरों ने कूड़ा गेंदें ज्यादा डालीं। यह वाकई इंग्लैंड के लिए चिंता का विषय है।

