संकट के समय भी दिल्ली व जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की गुटबाजी चरम पर है। दिल्ली सरकार ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति को रविवार तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। शुक्रवार को डीडीसीए के पदाधिकारी समिति के सामने पेश हुए और अपनी बात रखी। डीडीसीए को फीरोजशाह कोटला पर अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथे टैस्ट की मेजबानी करनी है लेकिन डीडीसीए के पदाधिकारी आपस में ही जूतमपैजार कर रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली रणजी टीम के कप्तान गौतम गंभीर मिले थे। उससे पहले पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी की अगुआई में पूर्व खिलाड़ियों ने भी केजरीवाल से मुलाकात की थी।
बेदी सहित दूसरे खिलाड़ियों ने फीरोजशाह कोटला पर मैच के आयोजन को लेकर संदेह जताया था। बीसीसीआइ ने डीडीसीए को 17 नवंबर तक का समय दिया है। ऐसे में होना तो यह चाहिए कि सभी गुट एकजुट होकर इस मुद्दे पर साथ सामने आते और बयान देते। लेकिन हर गुट अपनी-अपनी देढ़ र्इंट की मस्जिद अलग बना कर अपनी ही कर रहा है। इससे डीडीसीए का संकट और बढ़ा है। कर्मचारियों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि समय पर न तो भुगतान हो रहा है और न ही पर्व-त्योहारों पर बोनस मिल पा रहा है। खिलाड़ियों व अंपायरों के पैसों के भुगतान को लेकर आपस में तकरार है।
एक तरफ स्नेह प्रकाश बंसल का गुट है तो दूसरी तरफ चेतन चौहान हैं। आपसी खींचतान में डीडीसीए की ऐसी-तैसी हो रही है। हालांकि शुक्रवार को बंसल ने यह उम्मीद जताई कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे और अंतिम क्रिकेट टैस्ट की मेजबानी को लेकर किसी तरह की तकरार नहीं है और दिल्ली सरकार से उन्हें हर तरह का सहयोग मिलने की उम्मीद है। दिल्ली सरकार डीडीसीए से मनोरंजन कर के तौर पर बाकी करीब 25 करोड़ की रकम की मांग कर रही है। डीडीसीए ने अभी तक भुगतान को लेकर किसी तरह का साफ संकेत नहीं दिया है। लेकिन बंसल को उम्मीद है कि बीसीसीआइ की 17 नवंबर तक दी गई समय सीमा तक वे तमाम विभागों की मंजूरी हासिल कर लेंगे और टैस्ट दिल्ली में ही होगी। बीसीसीआइ ने पहले ही डीडीसीए को चेताया है कि अगर उसने मंजूरी नहीं ली तो टैस्ट का आयोजन स्थन दिल्ली से बदल कर पुणे कर दिया जाएगा।
बंसल का कहना है कि बेदी और दूसरे खिलाड़ियों ने सरकार के सामने चीजों को गलत तरीके से पेश किया है। मैं बेदी का सम्मान करता हूं लेकिन उन्हें तथ्यों को सही तरीके से रखना चाहिए था। बंसल के मुताबिक डीडीसीए से जुड़े लोग जांच समिति के सदस्यों से मिले और अपनी बात रखी। हम आगे भी ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया हमारे साथ सकारात्मक है। सरकार के बकाए की बाबात सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कहानी कोई आज की नहीं है। पिछले पांच साल से ऐसा चल रहा था। हम चीजों को सही करने में जुटे हैं और उम्मीद की जानी चाहिए कि सब कुछ ठीक होगा। ऐसे कहा जा रहा है कि डीडीसीए ने 2012 से ही मनोरंजन कर नहीं चुकाया है। डीडीसीए ने सरकार से कर माफ करने की गुहार भी लगाई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे ैहं कि सरकार इस सिलसिले में डीडीसीए को कुछ राहत दे सकती है।