दिनेश कार्तिक भारतीय क्रिकेट का ऐसा नाम हैं कि जिनका जिक्र होते ही हर किसी को निदाहास ट्रॉफी याद आ जाती है और आए भी क्यों ना। 8 गेंदों की उस एक पारी ने उनके क्रिकेट करियर को नई उंचाई तक पहुंचा दिया था। इसके बाद उनकी वनडे टीम में भी वापसी हुई लेकिन 2019 वर्ल्ड कप में भारत की हार के बाद उन्हें हर फॉर्मेट से बाहर कर दिया गया। टीम से बाहर किए जाने पर कार्तिक ने पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा से बात करते हुए कई अहम बातें बोली हैं।
उन्होंने कहा कि, ‘ये होता है हर किसी के साथ होता है। मैं 2019 वर्ल्ड कप में टीम के साथ गया सीनियर खिलाड़ी होने के नाते अच्छा नहीं कर पाया और मैं बाहर कर दिया गया। कोई बात नहीं ऐसा होता है लेकिन मैनेजमेंट को फॉर्मेट टू फॉर्मेट चलना चाहिए।’
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे कहा कि,’कोई व्हाइट बॉल से अच्छा करता है उसे रेड बॉल क्रिकेट में चुना जाता है। कोई रेड से अच्छा करता है उसे व्हाइट में चुना जाता है। आपको फॉर्मेट टू फॉर्मेट चलना चाहिए ये सही तरीका नहीं है।’
‘मैं टी-20 में अच्छा कर रहा था’
दिनेश कार्तिक ने अपने टी-20 क्रिकेट करियर का जिक्र करते हुए कहा कि,’वनडे में मैंने अच्छा नहीं किया मैं बाहर हो गया कोई बात नहीं। लेकिन सच बताउं तो टी-20 में मैं अच्छा कर रहा था। जितने मौके मिले मैंने खुद को साबित किया। अब दोबारा टीम में कमबैक के लिए आईपीएल ही एक प्लेटफॉर्म है जहां मैं जो भी कर सकता हूं सब कुछ करुंगा।’
‘अब नहीं चुने जाने पर मुझे दुख नहीं होगा’
कार्तिक ने अपने कमबैक को लेकर बात की और कहा कि,’आईपीएल में मैं पूरी कोशिश करूंगा। लेकिन अगर अब मैं टीम में नहीं चुना गया तो मुझे दुख नहीं होगा। मैंने सबकुछ किया जो कर सकता था। इस वक्त मैं टेस्ट क्रिकेट को मिस नहीं कर रहा।’
दिनेश कार्तिक भारतीय क्रिकेट टीम के काफी पुराने खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2004 में एमएस धोनी से पहले भारत के लिए डेब्यू किया था। लेकिन उनका करियर काफी दुर्भाग्यशाली रहा और कई बार अच्छा परफॉर्म करने के बावजूद एमएस धोनी के मौजूद होने के चलते टीम में उनकी जगह नहीं बन सकी। उनका टीम से अंदर-बाहर का सिलसिला लगातार जारी रहा।
दिनेश कार्तिक का करियर
अगर उनके करियर की बात करें तो कार्तिक ने तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए क्रिकेट खेला है। उन्होंने 26 टेस्ट, 94 वनडे और 32 टी-20 मुकाबले देश के लिए खेले हैं। हर फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन भी ठीक रहा है लेकिन उनकी जगह कभी भी टीम में नहीं बन पाई। कार्तिक ने टेस्ट में एक शतक लगाते हुए 1025 रन बनाए। वहीं वनडे में उनके नाम 1752 रन दर्ज हैं जिसमें 9 अर्द्धशतक शामिल हैं।
इसके अलावा टी-20 क्रिकेट में उन्होंने अपनी अलग ही छाप छोड़ी है। उन्होंने टी-20 में भारत के लिए रन जरूर सिर्फ 399 बनाए हैं लेकिन कई मौकों पर उन्होंने इस फॉर्मेट में भारत को जीत दिलाई है। इसलिए आज भी उनका नाम आते ही निदाहास ट्रॉफी का वो लम्हा हर किसी के मन में जीवित हो जाता है जब उन्होंने 8 गेंदों पर शानदार 29 रन बनाए थे।