डायना इडुलजी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी वनडे में वर्तमान कप्तान हरमनप्रीत कौर के व्यवहार की आलोचना की है। बांग्लादेश और भारत के बीच आखिरी वनडे मैच टाई हो गया। हरमनप्रीत अंपायरिंग पर भड़क गई थीं। पहले उन्होंने आउट होने के बाद बल्ला स्टंप में मार दिया। इसके बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी के दौरान अंपायरिंग की आलोचना की। फिर फोटो सेशन के दौरान भी उन्होंने कमेंट्स किए। ऐसे में भारतीय कप्तान के व्यवहार की आलोचना हो रही है।

डायना एडुल्जी के अनुसार, उन्होंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा। हरमन ने शायद ऐसा रन बनाने में विफल रहने के कारण किया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) टीम के लिए सबकुछ कर ही है। इसके बाद भी टीम अच्छा नहीं कर रही है। खिलाड़ी स्टार्स की तरह खेल रही हैं और उनका क्रिकेट पर ध्यान नहीं है। बीसीसीआई को कड़े कदम उठाने चाहिए। इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता।

हरमनप्रीत कौर जैसा व्यवहार नहीं देखा

डायना एडुल्जी ने कहा, मैं शनिवार को ढाका के शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में भारत-बांग्लादेश की महिला टीम के मैच के दौरान हुई घटना से बहुत परेशान हूं, जो टाई पर समाप्त हुआ। मैं लंबे समय से क्रिकेट देख रही हूं, लेकिन मैंने कभी किसी को उस तरह का व्यवहार करते नहीं देखा जैसा भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच के बाद किया। बांग्लादेश में जो हुआ वह अनुचित था।

खराब अंपायरिंग फैसलों पर क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया नई बात नहीं

खराब अंपायरिंग फैसलों पर क्रिकेटर्स की प्रतिक्रिया सही नहीं है, लेकिन कोई नई बात नहीं है। कुछ हद तक किसी को माफ किया जा सकता है क्योंकि जब आप करीबी मैच में आउट होते हैं, तो कभी-कभी भावनाओं को काबू करना मुश्किल होता है। हरमनप्रीत असहमति जताने वाली पहली क्रिकेटर नहीं हैं। आईसीसी का उन पर प्रतिबंध लगाना सही है। मैं समझती हूं कि गलत निर्णय लिए गए। हमने पहले भी गलत फैसले देखे हैं, न केवल महिला क्रिकेट, बल्कि पुरुष क्रिकेट में भी।

हरमनप्रीत का व्यवहार और भी अस्वीकार्य

हालांकि, मैच के बाद जो हुआ उसकी जरूरत नहीं थी, खासकर इसलिए क्योंकि हरमनप्रीत भारतीय कप्तान हैं। उन्होंने अपने साथियों के लिए खराब उदाहरण पेश किया है। मैं ऐसा इसलिए कह रही हूं, क्योंकि जूनियर्स सीनियर्स को देखते हैं और समय के साथ यह टीम के माहौल को प्रभावित कर सकता है। इससे हरमनप्रीत का व्यवहार और भी अस्वीकार्य हो जाता है।