ओलंपिक चैम्पियन जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा डायमंड लीग के लुसाने चरण में शुक्रवार को 87.66 मीटर की दूरी के साथ लगातार दूसरी बार शीर्ष स्थान हासिल किया। चोट के कारण लगभग एक महीने तक खेल से दूर रहे नीरज हालांकि अपने 90 मीटर के अपने व्यक्तिगत लक्ष्य को हासिल करने से एक बार फिर चूक गये। नीरज की इस जीत के साथ सोशल मीडिया पर कई जगह यह दावा किया गया कि भारतीय खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीत लिया। हालांकि यह सच नहीं है और सोमवार को नीरज ने खुद पूरा सच बताया।

लुसाने डायमंड लीग में नीरज को नहीं मिला गोल्ड

नीरज ने लुसाने से वर्चुअल बातचीत करते हुए कहा, ‘मैं यहां यह साफ कर देना चाहता हूं कि कॉन्टिनेंटल टूर और डायमंड लीग में मेडल नहीं दिए जाते। हमें वहां कुछ नहीं मिलता। आप लोग (फैंस और मीडिया) गोल्ड मत लिखा करिए।’ नीरज चोपड़ा पहले स्थान पर रहे तो कई लोगों ने इसे गोल्ड मेडल बता दिया जबकि नियम कुछ और ही हैं।

जानिए क्या है डायमंग लीग मीट के नियम

डायमंड लीग के फाइनल इवेंट से पहले 14 अलग-अलग मीट इवेंट होते हैं। इन इवेंट्स में 16 खेल शामिल होते हैं। हर मीट में अलग-अलग खेल शामिल होते हैं। हर मीट में टॉप 8 खिलाड़ियों को मेडल नहीं अंक दिए जाते हैं। पहले स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी को 8 अंक दिए जाते हैं, दूसरे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी को 7 अंक दिए जाते हैं। इसी तरह पहले से आठवें स्थान के खिलाड़ियों को अंक मिलते हैं। सभी मीट खत्म होने के बाद फील्ड इवेंट के टॉप छह, 100 से लेकर 800 मीटर के टॉप 8 वहीं 1500 मीटर और लॉन्ग डिस्टेंस इवेंट के टॉप 10 खिलाड़ियों को फाइनल में खेलने का मौका मिलता है। इसी फाइनल इवेंट में विजेता का फैसला होता है।

कैसे होता है डायमंड लीग के फाइनलिस्ट का चयन

नीरज चोपड़ा के इवेंट जैवलिन थ्रो की बात करें तो यह खेल तीन मीट में शामिल है। पहली मीट दोहा और दूसरी लुसाने में हुई। नीरज दोनों मीट में पहले स्थान पर रहे जिसके बाद उनके 16 अंक हो चुके हैं और वह टॉप पर हैं। अगर वह तीसरी मीट होने के बाद टॉप छह में शामिल रहते तो फिर वह यूजीन में होने वाली डायमंड लीग फाइनल में हिस्सा लेंगे। फाइनल इवेंट जीतने वाले खिलाड़ी को डायमंड लीग की ट्रॉफी के साथ-साथ कैश प्राइज दिया जाता है। नीरज चोपड़ा ने पिछली बार यह खिताब जीता था जहां उन्हें 8 लाख रुपए की इनामी राशि मिली थी।

पहला स्थान – लगभग 8 लाख रुपए
दूसरा स्थान – लगभग 5 लाख रुपए
तीसरा स्थान – लगभग तीन लाख रुपए