एंड्रू एम्सन। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 23 से 26 सितंबर के बीच दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप के आखिरी दिन नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) पहुंचने के बाद एथलीट्स भाग गए थे। इस दौरान 100 मीटर स्पर्धा में अकेले दौड़कर सुर्खियां बटोरने वाला खिलाड़ी भी डोपिंग में फंस गया है। वह एनाबॉलिक स्टेरॉयड ड्रोस्टानोलोन मेटाबोलाइट के लिए पॉजिटिव टेस्ट हुआ है। इसका उपयोग बॉडी बिल्डिंग में ताकत बढ़ाने और फैट कम करने के लिए किया जाता है।

एथलीट को अक्टूबर में नाडा अधिकारियों ने ई-मेल से डोपिंग में फेल होने की जानकारी दी थी। द इंडियन एक्सप्रेस के हाथ लगी रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ट 26 सितंबर हुआ था। इसी दिन 100 मीटर का फाइनल हुआ था । संबंधित एथलीट ने किसी भी तरह की प्रतिबंधित दवा लेने से मना किया है। उसका मानना है कि उसे फंसाया जा रहा है। उसने कहा कि कुछ उसे फंसाने में लगे हैं।

एथलीट ने क्या कहा?

एथलीट ने कहा, ” अगर मैंने डोप लिया होता तो मैं फाइनल में आता ही नहीं। मैंने कभी कोई ड्रग्स नहीं लिया। मुझे लगता है कुछ कोच मुझे फंसाने में लगे हैं।” एथलीट ने कहा कि वह बी सैंपल टेस्ट करने के लिए नाडा के पास अपील नहीं करेगा क्योंकि उसके पास टेस्ट करानेके लिए पैसे नहीं हैं। उसने दावा किया, “मैं नाडा कार्यालय गया और मुझे बताया गया कि मुझे अपने बी सैंपल टेस्ट के लिए 16,500 रुपये का भुगतान करना होगा। मेरा करियर शुरू होने से पहले ही बर्बाद हो गया। अपील करने के लिए मुझे किसी तरह का सबूत ढूंढना होगा और मेरे पास अभी कुछ नहीं है। मैंने प्रोटीन सप्लीमेंट लिया और शायद वे मिलावटी थे…”

दिल्ली एथलेटिक्स एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारी ने क्या कहा?

दिल्ली एथलेटिक्स एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की और कहा कि खेल को साफ-सुथरा बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अधिकारी ने कहा, ” हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। हम अपनी कंपटीशन में टेस्ट को प्रोत्साहित करते हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हम एथलीट्स और कोचों को डोपिंग के खराब प्रभाव के बारे में शिक्षित करने का प्रयास करेंगे।”