प्रीतीश राज। दिल्ली का ऐतिहासिक जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम अब इतिहास बन जाएगा। इस स्टेडियम में पिछले करीब 15 वर्षों में लगभग 1,011 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और यह 1982 एशियाई खेलों और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों का भी गवाह रहा है। जवाहर लाल नेहरू (JLN) स्टेडियम मूल रूप से 1982 एशियाई खेलों के लिए बनाया गया था।

इतिहास और अहमियत

2010 राष्ट्रमंडल खेलों से पहले इसका 961 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण किया गया, जिसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल था। हाल ही में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप से पहले इसके अपग्रेडेशन के लिए 50 करोड़ रुपये और खर्च किए गए। वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए स्टेडियम में 10,000 नई सीटें और दो नई Mondo ट्रैक लगाए गए थे।

भविष्य की योजना

खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने सोमवार 10 नवंबर को इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जवाहर लाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम को ध्वस्त करके एक स्पोर्ट्स सिटी बनाने का रास्ता साफ किया जाएगा, जिसमें सभी प्रमुख खेलों के आयोजन स्थल और एथलीटों के लिए आवासीय सुविधाएं होंगी। हालांकि, यह विचार अब भी ‘विचार-विमर्श’ के चरण में है।

सूत्र ने बताया कि सरकार अब भी दुनिया भर के विभिन्न मॉडलों का अध्ययन कर रही है, जहां ऐसी परियोजनाएं क्रियान्वित की गई हैं। सूत्र ने बताया, ‘इस परियोजना के लिए अभी कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है, क्योंकि यह विचार-विमर्श के चरण में है। हम दोहा जैसे स्पोर्ट्स सिटी का आकलन कर रहे हैं। एक बार यह सब हो जाने के बाद, हम योजना चरण पर आगे बढ़ेंगे।’

कतर की राजधानी दोहा में 618 एकड़ में फैला खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम मुख्य रूप से 2006 एशियाई खेलों के लिए तैयार किया गया था। इसने 2022 फीफा विश्व कप की भी मेजबानी की है।

पुरानी सुविधाओं का क्या होगा?

जेएलएन स्टेडियम में वर्तमान में, एक मुख्य फुटबॉल स्टेडियम और एथलेटिक्स ट्रैक के अलावा, खेल परिसर में एक तीरंदाजी अकादमी, बैडमिंटन कोर्ट, भारतीय खेल प्राधिकरण, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला के कार्यालय आदि भी हैं। जब पूछा गया कि उनका क्या होगा तो सूत्र ने बताया, ‘सभी कार्यालयों को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसी तरह मुख्य स्टेडियम को ध्वस्त कर दिया जाएगा। आवासीय परिसर बनाए जाएंगे, ताकि जब एथलीट यहां हिस्सा लेने के लिए आएं तो स्टेडियम के पास ही रह सकें।’

खेल मंत्रालय स्टेडियम परिसर के 102 एकड़ क्षेत्र का उपयोग करना चाहता है, क्योंकि अभी इसका एक बड़ा हिस्सा इस्तेमाल में नहीं है। करीब 60000 दर्शकों की क्षमता वाला जेएलएन (JLN) स्टेडियम देश के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक रहा है। इसने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों और 2017 के अंडर-17 फीफा विश्व कप की भी मेजबानी की थी।

हाल ही में, इस स्टेडियम ने पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी की। टूर्नामेंट से पहले, मुख्य स्टेडियम और अभ्यास क्षेत्र में दो नए मोंडो ट्रैक बिछाए गए, जबकि निचली दर्शक दीर्घा में 10,000 नई सीटें लगाई गईं। इसके अलावा, स्टेडियम को नई लिफ्टों और सुलभ शौचालयों के साथ व्हीलचेयर के अनुकूल बनाया गया है।

कोच भर्ती अभियान

भारतीय खेल प्राधिकरण ने 2017 के बाद से अपने सबसे बड़े कोच भर्ती अभियान की घोषणा की है। 25 खेलों में कुल 320 कोचों की भर्ती की जाएगी, जिनमें से 50% पद महिला कोचों के लिए आरक्षित होंगे। हॉकी, कुश्ती, मुक्केबाजी और एथलेटिक्स जैसे प्रमुख खेलों के अलावा, अगले साल होने वाले एशियाई खेलों को ध्यान में रखते हुए कयाकिंग और कैनोइंग जैसे खेलों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।