दिल्‍ली हाईकोर्ट ने पहलवान सुशील कुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्‍होंने ओलंपिक की कुश्‍ती स्‍पर्धा में भारत की तरफ से नरसिंह यादव को भेजे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि सुशील फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे या नहीं।

दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील ने रियो ओलंपिक में पुरुषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए डब्लूएफआइ को चयन ट्रायल का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की थी।

कोटा हासिल करने के बाद नरसिंह यादव को ही 74 किलो वर्ग में रियो ओलंंपिक के लिए क्वालीफाई कर दिया गया था। इस पर सुशील कुमार ने आपत्ति जताई थी। सुशील ने दिल्ली हाई कोर्ट को दी याचिका में कहा था कि स्पोर्ट्स कोड के नियमों के मुताबिक, ओलिंपिक में प्रतिभागिता हासिल करने का अधिकार पूरे देश का है न कि किसी एक खिलाड़ी का। इस बात का हवाला देते हुए उन्होंने कोर्ट से अपील की थी कि ओलिंपिक में क्वालीफाई करने के लिए पहले ट्रायल होना चाहिए।

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इससे पहले अदालत में याचिका पर सुनवाई करते हुए सुशील को फटकार लगाई थी। न्यायमूर्ति मनमोहन ने सुशील के वकील से पूछा, ‘भारतीय कुश्ती महासंघ की नीति लंबे समय से चली आ रही है और अब आप कह रहे हैं कि यह गलत है।’ उन्होंने कहा, ‘ 2004, 2008 और 2012 में सुशील इसी नीति के आधार पर तीन बार ओलंपिक खेलने गया। महासंघ की नीति तभी से चली आ रही है।’