फ़ज़ल इमाम मल्लिक
गुरुवार को फीरोज शाह कोटला मैदान पर दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेलने को उतरेगी तो सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या वह अपने घरेलू मैदान पर हार के सिलसिले को थाम पाएगी। फीरोज शाह कोटला मैदान पर दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए जीत का इंतजार लंबा होता जा रहा है। नौ मैचों में मिली लगातार हार यकीनन दिल्ली डेयरडेविल्स टीम को परेशान कर रहा होगा। आखिर अंतिम बार उसे इस मैदान पर जीत दो साल पहले मिली थी। 21 अप्रैल, 2013 को मुंबई इंडियंस के उसने इस मैदान पर हराया था। यह आखिरी मौका था जब उसने फीरोज शाह कोटला पर कोई जीत दर्ज की थी। इसके बाद से दिल्ली की टीम अपने घरेलू मैदान पर जीत के लिए तरस रही थी।
आइपीएल के पिछले सत्र में सभी पांच मैचों में उसे हार मिली थी और इस साल उसे पहले मैच में राजस्थान रॉयल्स ने हराया और दो दिन पहले कोलकाता नाइट राइडर्स ने उसे मात दी थी। अब दिल्ली का मुकाबला मुंबई इंडियंस के साथ गुरुवार को है। दिल्ली की टीम को इस बात से तसल्ली हो सकती है कि उसने आखिरी बार मुंबई इंडिसंय के खिलाफ ही जीत दर्ज की थी और अब उसके सामने गुरुवार को मुंबई इंडियंस ही होगी। क्रिकेट में कभी-कभी इस तरह के मिथ्य काम कर जाते हैं। लेकिन दिल्ली को अगर जीत के इंतजार को खत्म करना है तो उसे बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। उसके गेंदबाजों ने अब तक सधा हुआ प्रदर्शन किया है। लेकिन मायूस बल्लेबाजों ने किया है।
दिल्ली ने अब तक खेले पांच में से दो में जीत दर्ज की है। यह बात दीगर है कि मुंबई का प्रदर्शन भी अब तक बहुत अच्छा नहीं रहा है। पांच में से उसने चार मैच गंवाए हैं। पहले चार मैच गंवाने के बाद उसने पिछले मैच में बंगलूर को हराया था। तब मुंबई की टीम ने इस आइपीएल में दो सौ से ज्यादा का रन स्कोर किया था। ऐसा करने वाली वह दूसरी टीम है। इस सत्र में इससे पहले चेन्नई सुपरकिंग्स ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दो सौ से ज्यादा का रन बनाया था। इस मैच में रोहित शर्मा और कीरोन पोलार्ड ने धुआंधार किया था और हाफ सेंचुरी बनाई थी। मुंबई को गुरुवार को भी इनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। टीम में धुआंधार करने वाले कोरी एंडरसन भी हैं लेकिन अब तक उनका बल्ला उस तरह नहीं बोला है, जैसी उनसे उम्मीद की जाती रही है। दिल्ली के खिलाफ कप्तान रोहित शर्मा को अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
रोहित पांच मैचों में 190 रन के साथ अब तक दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज हैं। उन्होेंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ नाबाद 98, चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 50 और रायल चैलेंजर्स बंगलूर के खिलाफ 42 रन की उम्दा पारियां खेली हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि फीरोज शाह कोटला के मैदान पर भी उनके बल्ले से रन निकलेंगे। पिछले मैच में लेंडल सिमंस और उनमुक्त चंद ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था। बंगलूर के खिलाफ उन्होंने बेहतरीन पारी खेल कर टीम को ठोस शुरुआत दिलाई थी। लेकिन अंबाती रायडू, आदित्य तारे ने जिस तरह का प्रदर्शन अब तक किया है उसने मुंबई इंडियंस की चिंता बढ़ा दी है। मुंबई को उम्मीद होगी कि भारतीय बल्लेबाज लय पाकर टीम के लिए उपयोगी पारियां खेल सकें।
लेकिन टीम के लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण उसकी गेंदबाजी है। गेंदबाजों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। टीम ने अब तक दस मुख्य गेंदबाजों को आजमाया है, लेकिन हरभजन सिंह को छोड़ कर किसी ने भी अपना प्रभाव नहीं छोड़ा है। हरभजन ने अब तक चार मैचों में आठ विकेट चटकाए हैं। मुंबई की सबसे बड़ी परेशानी उनके मुख्य गेंदबाज लसिथ मलिंगा का लय में नहीं होना है। इसकी वजह से टीम की गेंदबाजी में धारदार नजर नहीं आ रही है। मलिंगा ने अब तक खेले पांच मैचों में सिर्फ पांच विकेट ही झटके हैं। इनके अलावा प्रज्ञान ओझा, कीरोन पोलार्ड, आर विनयकुमार, कोरी एंडरसन, जसप्रीत बुमराह, जगदीश सुचित और पवन सुयाल ने भी गेंदबाजी की है लेकिन ये बहुत प्रभावी नहीं रहे हैं।
दूसरी तरफ, दिल्ली की मुश्किलें भी कम नहीं हैं। उसके सबसे महंगे खिलाड़ी युवराज सिंह लय में नहीं हैं। एक मैच को छोड़ कर वे चल नहीं पाए हैं। पिछले मैच में वे जिस तरीके से आउट हुए, उसे लेकर उनकी फिटनेस पर भी सवाल उठने लगे हैं। ओपनर श्रेयस अय्यर और मयंक अग्रवाल ने जरूर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई है। दोनों अच्छी लय में भी दिख रहे हैं। ऐसी ही कुछ हाल जेपी डुमिनी का भी है। डुमिनी के बल्ले से भी रन नहीं निकला है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है। श्रीलंका के आलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज भी अब तक टीम की उम्मीदों पर खरे उतरने में नाकाम रहे हैं। पिछले मैच में भी मनोज तिवारी और श्रेयस ने अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए
लेकिन टीम की गेंदबाजी बेहतर है। हालांकि मोहम्मद शमी के आइपीएल से बाहर हो जाने की वजह से टीम की तेज गेंदबाजी कमजोर हुई है लेकिन स्पिनरों ने बेहतरीन गेंदबाजी की है। जहीर खान भी फिटनेस को लेकर जूझ रहे हैं। इससे भी दिल्ली के आक्रमण की धार कमजोर हुई है। उम्मीद यह की जारही है कि गुरुवार को जहीर मुंबई के खिलाफ खेल सकते हैं। डोमीनिक जोसफ मुथुस्वामी और मैथ्यूज भी अब तक प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के लेग स्निपर इमरान ताहिर और अमित मिश्रा की मौजूदगी में टीम का स्पिन विभाग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है लेकिन तेज गेंदबाजों से पर्याप्त सहयोग नहीं मिलने के कारण उन्हें परेशानी हो रही है। जेपी डुमिनी ने भी कुछ मैचों में अपने स्पिन से प्रभावित किया है। ताहिर टूर्नामेंट में अब तक पांच मैचों में दस विकेट लेकर सफल गेंदबाजों की सूची में सबसे ऊपर हैं। डुमिनी ने सात विकेट चटकाए हैं।
मैच आठ बजे से खेला जाएगा।
