क्रिकेट जगत में जब भी तूफानी बल्लेबाजों की बात होती है तो उसमें भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का नाम सबसे पहले जेहन में आता है। छोटे कद के इस खिलाड़ी ने अपने करियर में बड़े-बड़े दिग्गज गेंदबाजों के पसीने छुड़ाए हैं। कोई भी मुकाबला हो या कोई भी गेंदबाज सहवाग का अंदाज हमेशा अलग रहता था। हाथ में बल्ला लिए, पुरानी हिंदी फिल्मों का गीत गुनगुनाते हुए यह खिलाड़ी जब तक मैदान में रहता था विपक्षी टीम के पसीने छूटते रहते थे । यूं तो इस खिलाड़ी ने अपने करियर में कई तूफानी पारियां खेली हैं लेकिन आज के दिन यानी कि 8 दिसंबर को नजफगढ़ के इस छोरे ने एक ऐसी पारी खेली थी जो उनकी सबसे यादगार पारियों में से एक है। जी हां हम बात कर रहे हैं 2011 में इंदौर के होल्कर स्टेडियम में आए उस तूफान की जिसमें सहवाग ने क्रिकेट जगत की एक नई पटकथा लिखी थी।
एक समय ऐसा था जब वनडे मुकाबलों में किसी बल्लेबाज द्वारा दोहरा शतक जड़ना नामुमकिन माना जाता था लेकिन इसे क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने मुमकिन किया था और पहला दोहरा शतक जड़ा था। वहीं, इस मुकाबले में सहवाग ने सचिन के इस दोहरे शतक को तोड़ते हुए तत्कालीन सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया जो अब रोहित शर्मा (264) के नाम है। सहवाग ने इस मुकाबले में 149 गेंदों पर 219 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली थी। उनकी इस पारी की बदौलत टीम ने 418 रनों का स्कोर खड़ा किया था।
सबसे खास बात यह है कि इस मुकाबले में सहवाग बतौर बल्लेबाज ही नहीं बल्कि कप्तान के रूप में मैदान में उतरे थे। अपनी इस कप्तानी पारी में उन्होंने 25 चौके और 7 छक्के लगाए थे। उन्होंने इस मुकाबले में 47 ओवर तक बल्लेबाजी की और पोलार्ड ने उनका विकेट झटका। गौरतलब है कि सहवाग से पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम वनडे में पहला दोहरा शतक था। तेंदुलकर ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2010 में 147 गेंदों पर 200 रन की नाबाद पारी खेली थी। वहीं रोहित शर्मा ने तीन बार यह कारनामा किया है और 264 रनों का उनका स्कोर वनडे में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है।