क्रिकेट का खेल अपने रोमांच के चलते ही पूरी दुनिया में लोकप्रियता का जादू बिखेरे हुए है। अक्सर ऐसे मुकाबले देखने को मिलते हैं जिनका असर फैंस के मन में लंबे समय तक देखा जाता है। खेल जगत में कड़े मुकाबले और रोमांच तो इस खेल का हिस्सा हैं लेकिन कुछ ऐसे भी मुकाबले देखने को मिले हैं जिनके बारे में जानकर आपको यकीन नहीं होगा कि भला ऐसा भी हो सकता है, लेकिन खेल की यही खूबी होती है कि उसमें अटकलें और अनुमान अक्सर टूट जाते हैं। क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट टेस्ट को लेकर आपसे कोई कहे कि मैच ड्रा हो गया तो आपको आज ये बहुत सामान्य सी बात लगती है, क्योंकि इस मुकाबले में तो ये बेहद आम बात है कि मैच का नतीजा ही न निकले लेकिन अगर कोई ये कहे कि मैच बराबरी पर खत्म हो गया। दोनों टीमों ने टाई मैच खेला तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। हालांकि वनडे और टी-20 में तो कभी कभार ये दृश्य देखने को मिल भी जाता है लेकिन टेस्ट क्रिकेट अपने 150 से ज्यादा सालों के सफर के बाद अभी तक इस तरह के मैचों का 2 बार ही गवाह बना है। इसका पहला उदाहरण आज ही के दिन यानी कि 14 दिसंबर 1960 को देखने को मिला था। आइए आपको बताते हैं इस मुकाबले के रोमांच के बारे में….
1960 में यह मुकाबला ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज के बीच खेला जा रहा था। मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए सर फ्रेंक वॉरेल की कप्तानी में वेस्टइंडीज की टीम ने गैरी सोबार्स के शानदार शतक (132) की बदौलत पहली पारी में 453 रनों का स्कोर खड़ा किया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने नेल के शानदार 181 रनों के चलते 505 रन बनाए वहीं तीसरी पारी में विंडीज की टीम महज 284 रनों पर ही ऑल आउट हो गई और ऑस्ट्रेलिया को 233 रनों का लक्ष्य मिला। इस लक्ष्य की पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने एक समय 92 रनों पर ही 6 विकेट गंवा दिए थे, लेकिन एलन डेविडसन(80) ने रिची बेनॉड के साथ सातवें विकेट के लिए 150 से ज्यादा रन जोड़े और ऑस्ट्रेलिया को इस मुकाबले में जीत के करीब ला दिया।
आखिरी क्षण का रोमांचः ऑस्ट्रेलिया को इस मुकाबले को जीतने के लिए अब केवल 7 रनों की जरूरत थी और उसके 4 विकेट सुरक्षित थे, लेकिन डेविडसन के आउट होते ही उसके लगातार तीन खिलाड़ी जल्दी जल्दी आउट हो गए और 232 रन पर ऑस्ट्रेलिया की टीम भी सिमट गई और मुकाबला टाई हो गया। उस वक्त टाई के बारे में किसी को पता भी नहीं था इसलिए इस मैच को पहले टाई मैच के रूप में भी याद किया जाता है।
दूसरे टाई मैच का भी गवाह रहा ऑस्ट्रेलियाः पहले टाई मुकाबले के करीब 26 साल बाद फिर ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला। जब 1986 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच चेन्नई में मुकाबला खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 574 रनों पर 7 विकेट के साथ पारी घोषित कर दी थी। इसके जवाब में कपिल देव के शानदार शतक की बदौलत भारत ने 397 रन बनाए। वहीं ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 170 पर अपनी पारी घोषित कर दी और भारत को जीत के लिए 348 रनों का लक्ष्य मिला। हालांकि ऑस्ट्रेलिया को यह फैसला भारी पड़ा और मोहिंदर अमरनाथ और गावस्कर के बीच शतकीय साझेदारी हुई। भारत को जब जीत के लिए 17 रनों की जरूरत थी उसके तीन विकेट सुरक्षित थे लेकिन चेतन शर्मा का विकेट गिरते ही भारत 347 रन पर ही सिमट गया और टेस्ट क्रिकेट में दूसरी बार मुकाबला टाई रहा।