ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी डेमियन मार्टिन जिंदगी और मौत की जंग लड रहे हैं। दिमागी बुखार के बाद 54 साल के मार्टिन कोमा में हैं। मार्टिन उस ऑस्ट्रेलियाई टीम के हिस्सा थे, जिसने रिकी पोटिंग की कप्तानी में 2000 के दशक में क्रिकेट की दुनिया पर राज किया। हालांकि, दाएं हाथ के इस खिलाड़ी को वैसी प्रसिद्धि नहीं मिली जैसी मैथ्यू हेडन, एडम गिलक्रिस्ट, ब्रेट ली और जेसन गिलेस्पी जैसे खिलाड़ियों को मिली।

मार्टिन वह खिलाड़ी हैं, जिन्हें 2003 वर्ल्ड कप के गवाह रहे भारतीय फैंस कभी नहीं भूल सकते। टूटी उंगली के साथ खेले इस खिलाड़ी ने तब ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग के साथ मिलकर सौरव गांगुली की अगुआई वाली टीम की उम्मीदों के तोड़ दिया था। पोंटिंग ने शतक जड़ा था, लेकिन मार्टिन ने काफी दमदारी पारी खेली थी। पोंटिंग ने नाबाद 140 रनों की पारी खेली थी। मार्टिन ने 84 गेंद पर 88 रनों की पारी खेली थी। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 234 रनों की साझेदारी हुई। ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 359 रन बनाए।

देख मेरी आंखों में और बोल की तू खेलेगा

पोटिंग ने 2017 में एक पॉडकास्ट में बताया था कि कैसे मार्टिन टूटी उंगली के बाद भी भारत के खिलाफ फाइनल में खेले थे। वह क्यों चाहते थे कि मार्टिन हर हाल में यह मैच खेलें। मैच वाले दिन की सुबह उन्होंने मार्टिन से पूछा था, “देख मेरी आंखों में और बोल की तू खेलेगा।” मार्टिन ने पोटिंग की आंखों में देखा और कहा, ” मैं खेलूंगा।”

मुश्किल हालात में अच्छा प्रदर्शन करते थे

पोंटिंग ने बताया था, “उनकी (मार्टिन) उंगली बुरी तरह टूटी हुई थी,लेकिन मैं चाहता था कि वह खेलें क्योंकि उन्होंने पूरा टूर्नामेंट खेला था। वह एक अनुभवी खिलाड़ी थे और ‘मार्टो’ उन खिलाड़ियों में से एक थे जो मुश्किल हालात में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते थे। अगर आप भारत और श्रीलंका के कुछ टेस्ट टूर के बारे में सोचें जहां हालात मुश्किल थे तो उन्होंने रन बनाए।”

मैं चाहता हूं कि तुम खेलो

पोटिंग ने कहा था, “मुझे याद है कि फाइनल से कुछ दिन पहले मैं उनके पास गया और कहा, ‘देखो, आज अपनी उंगली में सुई लगवा लो, ट्रेनिंग पूरी करो, मैं तुम्हें कुछ गेंदें पकड़ते और कुछ गेंदें मारते हुए देखूंगा और इसे खत्म होने के बाद मेरी आंखों में देखकर मुझे बताना कि तुम खेल सकते हो, क्योंकि मैं चाहता हूं कि तुम खेलो। मैच की सुबह मैं उसके पास गया और कहा मेरी आंखों में देखो और मुझे बताओ कि तुम खेल सकते हो। उसने मेरी तरफ देखा और कहा, ‘मैं खेल सकता हूं। वह अच्छा खेला। उसने 88 रन नॉट आउट बनाए और यह उसके करियर का एक खास पल था।”