Commonwealth Games 2022: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने सोमवार 25 जुलाई 2022 को आरोप लगाया कि उनके कोच को अधिकारियों से ‘लगातार उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ रहा है। इससे राष्ट्रमंडल खेलों की उनकी तैयारियों में बाधा आ रही है। भारतीय मुक्केबाजी टीम रविवार रात आयरलैंड में अभ्यास शिविर के बाद बर्मिंघम खेल गांव पहुंची। हालांकि, लवलीना की निजी कोच संध्या गुरुंग खेलगांव में प्रवेश नहीं कर पाईं, क्योंकि उनके पास एक्रीडिटेशन (मान्यता) नहीं था।
लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) संभवत: राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान अपने निजी कोच अमेय कोलेकर को अपने साथ रखना चाहती थीं, लेकिन वह भारतीय दल की लंबी सूची में शामिल नहीं थे। लवलीना ने ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट में अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मैं बहुत दुख के साथ कह रही हूं कि मुझे (मानसिक तौर पर) प्रताड़ित किया जा रहा है। ओलंपिक में पदक लाने में मेरी मदद करने वाले कोच को मेरे अभ्यास और प्रतियोगिता के समय हर बार हटाकर मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है।’
उन्होंने लिखा, ‘इनमें से एक कोच संध्या गुरुंग द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भी हैं। मेरे दोनों कोच को शिविर में अभ्यास के लिए हजार बार हाथ जोड़ने के बाद बहुत देरी से शामिल किया जाता है। इससे मुझे अभ्यास में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है, और मानसिक प्रताड़ना तो होती ही है।’
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने कहा, ‘अभी मेरी कोच संध्या गुरुंग राष्ट्रमंडल खेल गांव के बाहर हैं। उन्हें प्रवेश नहीं मिल रहा है। इससे मेरा अभ्यास खेल से ठीक आठ दिन पहले रुक गया है। मेरे दूसरे कोच को भी भारत भेज दिया गया है।’
इस बीच पता चला है कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खुद लवलीना बोरगोहेन के मामले को देख रहे हैं। उन्होंने खेल मंत्रालय के अधिकारियों को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के संपर्क में रहने और जल्द से जल्द इस मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया है।
मुक्केबाज के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए खेल मंत्रालय ने कहा कि उसने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है। खेल मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘हमने भारतीय ओलंपिक संघ से लवलीना बोरगोहेन के कोच की एक्रीडिटेशन की तत्काल व्यवस्था करने का आग्रह किया है।’
लवलीना ने आरोप लगाया कि विश्व चैंपियनशिप (इस्तांबुल) से पहले भी उनके साथ ऐसा ही बर्ताव हुआ था। उन्हें डर है कि बर्मिंघम में भी उनके साथ ऐसा होगा। उन्होंने कहा, ‘मेरी इतनी गुजारिश करने के बाद भी ये हुआ है, इसने मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं खेल पर कैसे ध्यान दूं। इसी वजह से पिछली विश्व चैंपियनशिप में मेरा प्रदर्शन खराब रहा था।’
उन्होंने लिखा, ‘इस राजनीति के चलते मैं राष्ट्रमंडल खेल में अपना प्रदर्शन खराब नहीं करना चाहती हूं। आशा करती हूं कि मैं अपने देश के लिए इस राजनीति को तोड़ कर पदक ला पाऊं। जय हिंद।’ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने कहा कि एक्रीडिटेशन प्रक्रिया का प्रबंधन आईओए द्वारा किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
लवलीना ने ट्वीट कर बयां किया अपना दर्द
बीएफआई सचिव हेमंत कलिता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘आईओए और बीएफआई लगातार संध्या का एक्रीडिटेशन हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं। यह आईओए के हाथ में है, लेकिन आज या कल तक आ जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘हमने पहले सभी नाम दिए थे, लेकिन एक कोटा प्रणाली है। क्वालिफाई करने वाले एथलीट्स की संख्या के आधार पर 25 प्रतिशत कोटा है, इसलिए हमारे पास चार अधिकारी थे, जिनमें कोच, चिकित्सक आदि शामिल हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमने आईओए से कोटा बढ़ाकर आठ करने की मांग की है। इसमें चार खेल गांव के अंदर रहेंगे और चार बाहर। चार कोच दिन में खिलाड़ियों के साथ समय बिताकर रात में खेल गांव से बाहर निकल जाएंगे।’ इस बीच भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने कहा कि वह मामले का उचित समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।
साइ ने कहा, ‘साइ ने मामले को बीएफआई के समक्ष उठाया है। खेल मंत्रालय आईओए से बात कर मामले को सुलझाने और लवलीना बोरगोहेन को सर्वश्रेष्ठ तैयारी करने में मदद सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है। वह इन खेलों में पदक की मजबूत दावेदार हैं।’
ओलंपिक पदक विजेता लवलीना की कोच संध्या गुरुंग की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। संध्या ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे सभी मुक्केबाज पदक लाएंगे। खिलाड़ी हमेशा चाहते हैं कि उनके कोच उनके साथ रहें। मैं लवलीना को प्रशिक्षित नहीं कर पा रही हूं, क्योंकि मुझे खेल गांव में प्रवेश करने की मंजूरी नहीं है। मुझे उम्मीद है कि यह समस्या हल हो जाएगी, वर्ना मैं उसे ट्रेनिंग नहीं दे पाऊंगी।’