भारत की महिला हॉकी टीम ने 16 साल के अंतराल के बाद रविवार 7 अगस्त 2022 को बर्मिंघम में कांस्य पदक के प्लेऑफ में रोमांचक टाई-ब्रेकर के जरिए न्यूजीलैंड को हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल पोडियम पर वापसी की। जैसा कि वह आमतौर पर होता है, भारत की कप्तान और गोलकीपर सविता पूनिया पेनल्टी शूटआउट में भारत की स्टार थीं। उन्होंने न्यूजीलैंड के तीन प्रयासों को नाकाम किया और भारत की जीत सुनिश्चित की।
इससे पहले भारतीय महिला हॉकी टीम ने आखिरी बार 2006 मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। इस बार पेनल्टी शूटआउट में 2-1 की जीत ने सुनिश्चित किया कि भारतीय महिला हॉकी टीम इस बार राष्ट्रमंडल खेलों से खाली हाथ घर नहीं लौटेगी। हालांकि, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में उसके प्रदर्शन को देखकर कहा जा सकता है कि भारतीय महिलाएं कांस्य पदक से ज्यादा की हकदार थीं।
सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विवादास्पद हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम मैच के अंतिम लम्हों में 1-0 से आगे चल रही थी लेकिन आखिरी 30 सेकेंड से भी कम समय में उसने विरोधी टीम को पेनल्टी कॉर्नर दे दिया। यह पेनल्टी स्ट्रोक में बदला और ओलीविया मेरी ने न्यूजीलैंड को बराबरी दिला दी जिसके बाद मुकाबला शूट आउट में खिंच गया।
हालांकि, सेमीफाइनल के विपरीत भारतीय टीम ने संगीता कुमारी के अपने शुरुआती प्रयास में चूकने के बाद भी वापस लड़ने और जीत हासिल करने के लिए अत्यधिक मानसिक शक्ति दिखाई। भारत ने शूटआउट में धैर्य बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की। विवादास्पद सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल तोड़ने वाली हार के बाद इस मुकाबले में खेल रही भारतीय टीम ने पूरे मैच के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया और पदक अपने नाम किया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शूट आउट में भारतीय टीम को स्टॉपवॉच के रुकने का खामियाजा भुगतना पड़ा था। न्यूजीलैंड के खिलाफ शूट आउट में भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता ने तीन प्रयासों को शानदार तरीके से नाकाम करके भारत का तीसरा राष्ट्रमंडल पदक पक्का किया। शूट आउट में मेगान हुल ने न्यूजीलैंड को बढ़त दिलाई लेकिन सविता ने रोस टाइनन, केटी डोर और ओलीविया शेनन के प्रयासों को नाकाम कर दिया।
सलीमा टेटे के गोल की बदौलत भारत मध्यांतर तक 1-0 से आगे था। ब्रेक के बाद नेहा गोयल ने टीम की बढ़त को लगभग दोगुना कर दिया था, लेकिन न्यूजीलैंड ने अपनी रक्षापंक्ति के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत भारत को अपनी स्थिति मजबूत नहीं करने दी।