वनडे क्रिकेट में पदार्पण पर शतक जमाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने लोकेश राहुल ने कहा कि जिंबाब्वे के खिलाफ पहले मैच में छक्का लगाकर तिहरे अंक तक पहुंचना उनके जेहन में था। भारत को जीत के लिए दो रन चाहिए था जबकि राहुल शतक से छह रन दूर थे। उन्होंने मैच के बाद कहा कि मैं ज्यादा नहीं सोच रहा था लेकिन शतक पूरा करने का एक ही रास्ता था। मुझे छक्का मारना ही था और मैंने मारा। उन्होंने कहा कि कठिन विकेट पर बल्लेबाजी का उन्हें काफी मजा आया। उन्होंने कहा कि यह विकेट कठिन था और इसलिए मैं आत्ममुग्ध नहीं हो सकता था। मैंने नई गेंद संभलकर खेली। मैं अपनी पारी से खुश हूं और आगे भी ऐसा ही खेलना चाहूंगा।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रदर्शन था। विकेट बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं था और स्ट्राइक रोटेट करना मुश्किल हो गया था। गेंदबाजों के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा और स्पिनरों ने उनकी काफी मदद की। जिंबाब्वे के कप्तान ग्रीम क्रेमर ने कहा कि हमने पर्याप्त रन नहीं बनाए। अगर हम 220 के करीब बनाते तो नतीजा कुछ और हो सकता था। हमने अच्छी गेंदों पर विकेट गंवाए।