लंदन के मैनचेस्टर में रविवार को आईसीसी विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला है। भले ही यह एक सामान्य मैच की तरह दिखता है, लेकिन दोनों देश के बीच क्रिकेट का खेल हमेशा दिलचस्पी भरा होता है। लोग इसे सिर्फ खेल के रूप में नहीं देखते, बल्कि भावना के साथ जोड़ लेते है। यही वजह है कि दोनों देश के खिलाड़ियों के बीच काफी दबाव होता है। मैच में दोनों देश के खिलाड़ी अपना बेहतर करने की कोशिश करते हैं।
भारतीय प्रशंसकों के लिए खुशी की बात ये है कि वर्ल्ड कप में भारत कभी भी पाकिस्तान से नहीं हारा है। इन सब के बीच भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह का मानना है कि रविवार के मैच के दौरान भारत के खिलाड़ियों के ऊपर ज्यादा दबाव रहेगा क्योंकि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ उनका बेहतर रिकॉर्ड रहा है। भारतीय टीम इस रिकॉर्ड को बनाए रखने के लक्ष्य के साथ खेलेगी।
न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए हरभजन सिंह ने कहा, “एक खिलाड़ी के तौर पर आप पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा अच्छा खेलना चाहते हैं, इसलिए ज्यादा दबाव है। यह न सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के लिए है, बल्कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए भी है। लेकिन भारतीय खिलाड़ियों पर ज्यादा दबाव है क्योंकि इन खेलों में हमारा बेहतर प्रदर्शन रहा है। हम नहीं चाहेंगे कि यह रिकॉर्ड बदले।”
38 वर्षीय भारतीय स्पीनर गेंदबाज ने भारत के लिए खेले 236 एकदिवसीय मैच में 17 बार पाकिस्तान के खिलाफ खेले हैं। इनमें वर्ष 2011 के वर्ल्ड कप का वह सेमीफाइनल मैच में शामिल है, जिसे हरा भारत फाइनल में पहुंचा था। यह मैच हरभजन सिंह के के घरेलू मैदान चंडीगढ़ में खेला गया था। हरभजन सिंह उस मैच के बारे में याद कहते हुए कहते हैं, “जिस दिन मैच होना था, उससे पहले की रात को मैं सो नहीं पाया था। मैंने मैंच में अपना बेहतर करने की कोशिश की थी। मैं इस बात को लेकर चिंतित था कि अगर हम मैच हार गए तो क्या होगा? मेरे दिमाग में कई तरह के विचार आ रहे थे।”
हरभजन सिंह ने आगे कहा, “लोग गुस्सा हो जाते हैं और वे कुछ भी कर सकते हैं। वर्ष 2003 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वैसा प्रदर्शन नहीं कर सके, जैसा हमें करना चाहिए था। इसके बाद लोग गुस्सा हो गए। हमारे पुतले जलाए गए और हमारे घरों पर पत्थर फेंके गए। वे भावुक हो जाते हैं।”