पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत की हार के वैसे तो बहुत सारे कारण रहे थे, लेकिन क्षेत्ररक्षण उनमें से एक प्रमुख कारण था। भारतीय फील्डर्स ने पहले टेस्ट मैच में कई मौके गवांए। हार के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्प्रेंस में कहा था कि पुणे टेस्ट मैच की हार के बाद टीम इंडिया सीख लेगी और अगले टेस्ट मैच में गलतियां नहीं दोहरायी जाएंगी। लेकिन, भारतीय टीम ने अपने कप्तान की बात को दूसरे टेस्ट मैच में सही साबित नहीं किया और बल्लेबाजी एक बार फिर ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। जब बारी गेंदबाजी की आयी तो क्षेत्ररक्षकों द्वारा एक बार फिर से पुणे टेस्ट वाला कारनामा दोहराया गया। अजिंक्य रहाणे ने डेविड वॉर्नर का स्लिप में कैच टपकाया। हालांकि, यह आसान कैच नहीं था लेकिन भारत को यदि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में वापसी करनी है तो ऐसे कैच लपकने होंगे।
हालांकि, मैच के दूसरे दिन भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने कई मौकों पर शानदार क्षेत्ररक्षण का नमूना पेश किया। रवींद्र जडेजा की गेंद पर पीटर हैंड्सकॉम्ब ने लेग साइड पर गेंद हवा में खेली। रवचिंद्रन अश्विन मिड विकेट पर खड़े थे और गेंद उनकी पहुंच से दूर जा रही थी। अश्विन ने फुर्ती दिखाते हुए अपनी दाहिनी ओर छलांग लगा दिया और गेंद तक पहुंच गए। हालांकि, पहले प्रयास में अश्विन गेंद को कैच करने में असफल रहे और गेंद उनके हाथ से छिटक कर उनके दाहिने बाजू से टकराई और फिर गिरते पड़ते अश्विन ने उसे अपने हाथों में समेट लिया। इस तरह भारत को चौथी सफलता मिली और पीटर हैंड्सकॉम्ब को अश्विन के बेहतरीन क्षेत्ररक्षण के कारण पवेलियन लौटना पड़ा।
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वैसे भारतीय टीम को आर अश्विन से बेहतरीन गेंदबाजी की उम्मीद थी, लेकिन वो विकेट हासिल करने में असफल रहे और दूसरे दिन सिर्फ डेविड वॉर्नर के रूप में उन्हें एक सफलता मिली। दूसरे दिन आॅस्ट्रेलिया के कुल 6 विकेट गिरे, जिसमें से तीन विकेट रवींद्र जडेजा के खाते में आए। उमेश यादव, इशांत शर्मा को एक एक सफलता हाथ लगी। हालांकि, भारतीय कप्तान विराट कोहली एक बार फिर डीआरएस के मामले में फिसड्डी साबित हुए और उनके लिए यह एक अबूछ पहेली ही साबित हुआ। आॅस्ट्रेलिया के बल्लेबाज शॉन मॉर्श उमेश यादव की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए थे, लेकिन अंपायर ने उन्हें नॉट आॅउट करार दिया। विराट कोहली ने गेंदबाज उमेश यादव और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा से बातचीत करने के बाद डीआरएस नहीं लिया। वहीं, आर अश्विन की गेंद मैथ्यू वेड के सीने से लगकर विकेटकीपर के हाथ में पहुंची और उस पर डीआरएस लेकर कोहली ने एक मौका बर्बाद कर दिया।

