18 अगस्त 2012 को भारतीय टेस्ट टीम के सबसे अहम खिलाड़ी माने जाने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने अचानक संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था। वीवीएस लक्ष्मण ने यह फैसला अपने प्रदर्शन को देखते हुए लिया था, लेकिन उनके संन्यास के फैसले ने कई तरह के विवादों को जन्म दे दिया। लक्ष्मण को न्यूजीलैंड के खिलाफ 23 अगस्त से उनके गृहनगर हैदराबाद में शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में चुना गया था, लेकिन इस सीरीज से पहले ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं हैदराबाद में अपने घरेलू दर्शकों के सामने विदाई टेस्ट मैच खेलने से भी लक्ष्मण ने मना कर दिया। लक्ष्मण के इस फैसले के बाद बोर्ड ने तुरंत उनकी जगह एस बद्रीनाथ को टीम में शामिल किया। कई दिनों तक लक्ष्मण को लेकर चर्चाओं का माहौल गर्म रहा। सभी के जहन में बस एक ही सवाल था कि आखिर लक्ष्मण को इस तरह संन्यास लेने के लिए किसने मजबूर किया होगा।

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वीवीएस लक्ष्मण गुलाबी गेंद लिए हुए। (पीटीआई फाइल फोटो)

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और लक्ष्मण के बीच उन दिनों सब कुछ ठीक नहीं था। लक्ष्मण ने संन्यास की जानकारी धोनी को देनी चाही, लेकिन वह धोनी से संपर्क नहीं कर पाए। इस घटना के बाद धोनी ने एक प्रेस कॉंफ्रेस में कहा, ‘आपको लगता है कि यह विवाद है लेकिन मुझसे संपर्क कर पाना हर किसी के लिए मुश्किल होता है। यही कारण था कि लक्ष्मण भाई मुझसे संपर्क नहीं कर पाये थे। यह कोई नई बात नहीं है। धोनी से जब लक्ष्मण के अचानक संन्यास लेने के फैसले के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘आपको इस बारे में लक्ष्मण से पूछना चाहिए।

बता दें कि अपने संन्यास के बाद लक्ष्मण ने अपने घर पर एक पार्टी का आयोजन किया था, इस पार्टी में लक्ष्मण ने भारतीय टीम के सभी क्रिकेटर और अपने दोस्तो को इनवाइट किया था। वहीं लक्ष्मण ने महेंद्र सिंह धोनी को पार्टी में आने का आमंत्रण नहीं दिया, जिसके बाद इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मतभेदों की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी। मौजूदा समय में लक्ष्मण आईपीएल में हैदराबाद की टीम के मेंटर हैं।