वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स का मानना है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली की जीत की भूख मेहमान टीम को अभी भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में जीत का प्रबल दावेदार बनाती है। चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच भारत ने जीता था। पर्थ में खेले गए दूसरे मैच में जीत हासिल कर ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है। दोनों टीमों के बीच तीसरा मैच बॉक्सिंग डे यानि 26 दिसंबर से शुरू होगा। अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ एंटिगा (एयूए) कॉलेज ऑफ मेडिसन के ब्रांड एम्बेसेडर रिचर्ड्स ने कहा कि कोहली की नेतृत्व क्षमता और लड़ने की जिद अभी भी भारत को सीरीज में बनाए रखा है। रिचर्ड्स ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “भारत के पास सीरीज जीतने का शानदार मौका है। पर्थ में बेशक उसे हार मिली हो, लेकिन वह अभी जीत सकती है। उसके पास विराट जैसा कप्तान है। उनके अंदर जीतने की भूख है और अपने खिलाड़ियों को जीत के लिए प्रेरित करना वह जानते हैं।”साथ ही वेस्टइंडीज के इस दिग्गज ने माना कि स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के बिना भी ऑस्ट्रेलिया अपने घर में एक शानदार टीम है। रिचर्ड्स ने कहा, “मैं अभी भी भारत को जीत का प्रबल दावेदार मानता हूं।”
कोहली की हमेशा प्रशंसा करने वाले रिचर्ड्स ने कहा है कि भारतीय कप्तान को सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में अभी खड़ा करना जल्दबाजी होगी। इसके लिए अभी उनके करियर को खत्म होने का इंतजार करना होगा। रिचर्ड्स ने कहा, “मौजूदा दौर के खिलाड़ियों में वह मेरे पसंदीदा हैं। मेरे कई पैमाने हैं। मुझे लगता है कि हमें उनके करियर के खत्म होने का इंतजार करना चाहिए। अभी हम इस बात की चर्चा करेंगे तो यह जल्दबाजी होगी, लेकिन निश्चित ही वह शानदार स्थिति में हैं।”सुनील गावस्कर को ‘गॉडफादर ऑफ इंडियन बैटमैनशिप (भारतीय बल्लेबाजी का भीष्म पितामाह)’ बताते हुए रिचडर्स ने कहा कि भारत भाग्यशाली रहा है कि उसने अलग-अलग पीढ़ी में कई शानदार बल्लेबाज निकाले।
उन्होंने कहा, “भारत के पास शानदार बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन जिसे रोल मोडल कहा जाए- सुनील गावस्कर भारतीय बल्लेबाजी का भीष्म पितामाह हैं। इसके बाद सचिन तेंदुलकर आते हैं और उनके बाद विराट कोहली हैं। भारत इन लोगों के साथ काफी खुश होगा।”पर्थ टेस्ट में भारतीय कप्तान विराट और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन के बीच हुई लड़ाई के बारे में पूछने पर रिचडर्स ने कहा कि भारतीय कप्तान ने लाइन क्रॉस नहीं की। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि उन्होंने सीमा लांघी है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई ने भी यही कहा है और मैं उनकी बात को ही दोहरा रहा हूं।”