भारतीय वनडे टीम के कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले कहा था कि डिसीजन रिव्यू सिस्टम(डीआरएस) के लिए वह महेंद्र सिंह धोनी के भरोसे रहेंगे। पुणे और कोलकाता वनडे में धोनी की बुद्धिमत्ता काम आई थी। लेकिन कोलकाता वनडे में कोहली ने बिना धोनी से पूछे ही डीआरएस ले लिया और फैसला भारत के खिलाफ गया। इससे भारत का रिव्यू खराब चला गया। गौरतलब है कि एक पारी में एक ही रिव्यू मिलता है। कोलकाता मैच में इंग्लैंड पारी के 28वें ओवर के दौरान कोहली ने डीआरएस लिया। जसप्रीत बुमराह की दूसरी गेंद पर भारतीय खिलाडि़यों ने इंग्लैंड के कप्तान इयॉन मॉर्गन के खिलाफ कैच की अपील की। धोनी और बुमराह ने काफी देर तक अपील की। लेकिन अंपायर ने इसे ठुकरा दिया।
इसके बाद विराट कोहली ने धोनी की तरफ देखा और डीआरएस ले लिया। इस दौरान धोनी उन्हें रोकते हुए दिखाई दिए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। शायद कोहली को धोनी व बुमराह की अपील से प्रोत्साहन मिला। लेकिेन डीआरएस में भी मॉर्गन नॉट आउट करार दिए गए। इस डीआरएस के फैसले ने कोहली के उस बयान को सही साबित कर दिया कि इस तरह की अपील में एमएस धोनी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। कोहली ने सीरीज से पहले हुई प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि आंकड़ों के अनुसार धोनी की डीआरएस की 95 प्रतिशत अपील कामयाब रही है। इसके बाद पुणे और कटक वनडे में धोनी ने इसे साबित भी कर दिया था।
पुणे में जब अंपायर ने हार्दिक पंड्या की गेंद पर मॉर्गन को आउट नहीं दिया था तो धोनी ने बिना कोहली से पूछे डीआरएस की अपील कर दी थी। इसके बाद कोहली ने रिव्यू मांगा था। धोनी की अपील सफल रही थी। इसके बाद कटक वनडे में जब अंपायर ने युवराज को विकेट के पीछे कैच आउट करार दे दिया था तब धोनी ने तुरंत अपील कर दी थी। इसके बाद युवराज ने रिव्यू मांगा था। यह अपील भी कामयाब रही थी। इससे डीआरएस को लेकर धोनी की काबिलियत पुख्ता हो गई थी।
https://twitter.com/DivingSlip/status/823135952906452997
Dhoni says Noooo
Kohli didn't notice went for DRS
and Its not out!
Dhoni & DRS love story in this series continues! ?
— Broken Cricket (@BrokenCricket) January 22, 2017
https://twitter.com/DHONIism/status/823116766608027648
