ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार सीरीज जीत के बाद भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों को प्राइज नहीं मिलने पर हैरानगी जताई। गावस्कर ने मैच के बाद टीवी शो पर अपनी बात रखते हुए नाराजगी जाहिर की। गावस्कर ने कहा, ‘क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने टीवी राइट और दूसरे कई माध्यम के जरिए इस दौरे के दौरान काफी रेवेन्यू कमाने का काम किया। भारतीय खिलाड़ियों को भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा इस रेवेन्यू का भागीदार बनाना चाहिए था। भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के सरजमीं पर वनडे और टेस्ट सीरीज में हराने का काम किया है। लिहाजा खिलाड़ी कैश प्राइज के हकदार थे।’ इसके अलावा मैन ऑफ द मैच बने युजवेंद्र चहल और मैन ऑफ द सीरीज का खिताब हासिल करने वाले महेंद्र सिंह धोनी को 500 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 35 हजार भारतीय रुपये का पुरस्कार देना भी गावस्कर को नागवार गुजरा। हालांकि, दोनों ही खिलाड़ियों ने अपनी पुरस्कार राशि चैरिटी में दान कर दी।
गावस्कर ने आगे कहा, ‘जब खिलाड़ियों की वजह से आयोजकों की कमाई होती है तो उनका फर्ज बनता है कि वह खिलाड़ियों को भी जायज ईनाम देने का काम करें। विंबलडन चैंपियनशिप्स का उदाहरण देते हुए गावस्कर ने कहा कि 2018 के विंबलडन चैंपियनशिप्स में पहले राउंड में बाहर होने वाले खिलाड़ियों को भी 36 लाख भारतीय रुपये दिए गए थे, जबकि जीतने वाले को करीब 21 करोड़ रुपये मिले थे। ऐसे में क्रिकेटरों के जरिए कमाए गए पैसों में से प्राइज देने में कंजूसी क्यों दिखाई जाती है।’
बता दें कि इस मैच को भारत ने सात विकेट से अपना नाम कर सीरीज पर कब्जा जमा लिया है। 231 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए रोहित शर्मा और शिखर धवन लंबी पारी खेलने में असफल रहे। धवन मार्कस स्टोइनिस की फुललैंग्थ गेंद पर इसी गेंदबाज को आसान कैच थमा बैठे। धोनी और कोहली ने जोखिम लिये बिना एक दो रन जुटाना जारी रखा। हालांकि, इसके बाद कप्तान कोहली भी आउट हो गए, लेकिन धोनी अंत तक टिक रहे और टीम को जीत दिला दी।