भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में शिखर धवन को टीम में नहीं लेने के फैसले से नाराज नजर आए। एजबेस्टन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में फ्लॉप होने के बाद शिखर धवन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया। धवन की जगह केएल राहुल को ओपनिंग करने का मौका दिया गया, वहीं तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा को वापस टीम में शामिल किया गया। सुनील गावस्कर टीवी टेलीकास्टर के दौरान शिखर धवन के टीम में नहीं होने पर नाराजगी जताई। गावस्कर के मुताबिक शिखर धवन को हर बार बलि का बकरा बनाया जाता है। धवन के अलावा दूसरे बल्लेबाज भी आउट ऑफ फॉर्म हैं, लेकिन हर बार धवन को ही टीम से बाहर जाना पड़ता है। पहले टेस्ट में मुरली विजय से ज्यादा रन बनाने के बावजूद धवन को अगले मैच में प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। अगर हर मैच के बाद उन्हें बाहर ही करना है तो उन्हें टीम में शामिल ही क्यों किया जाता है। पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण भी गावस्कर की इस बात से सहमत नजर आए।

लक्ष्मण के मुताबिक साल 2015 के बाद से विदेशी दौरों पर सिर्फ धवन ही नहीं बल्कि टीम के कई खिलाड़ी अपने फॉर्म से जूझ रहे हैं। ऐसे में सिर्फ हर बार धवन को टीम से बाहर करना समझ से परे हैं। वहीं पहले टेस्ट में विराट कोहली की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए गावस्कर ने उनकी सफलता का श्रेय बल्ले की रफ्तार में बदलाव को दिया। चार साल पहले इंग्लैंड दौरे पर नाकाम रहे कोहली ने पहले टेस्ट में शतक जमाया हालांकि भारत को हार से नहीं बचा सके।
गावस्कर ने कहा,‘‘यह जबर्दस्त था। उसने बल्ले की रफ्तार में कुछ बदलाव किया है। 2014 में वह ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंदें नहीं खेल पा रहा था। अब वह गेंद के आने का इंतजार करता है। उसने जो बदलाव किया है, मानसिक रूप से खुद को ढाला है, वह असाधारण है। यही वजह है कि वह रन बना सका है। यह मामूली सा तकनीकी बदलाव है कि वह शरीर के पास नहीं खेल रहा। इंग्लैंड में फुटवर्क और संयम की काफी जरूरत होती है।’