महेला जयवर्धने और कुमार संगाकरा जैसे स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में श्रीलंका की टीम गुरुवार (19 मई) को यहां हेडिंग्ले में जब इंग्लैंड के खिलाफ पहले टैस्ट के लिए उतरेगी तो टीम की नजरें दो साल पहले के अपने यादगार को दोहराने पर टिकी होंगी। दो साल पहले इसी मैदान पर श्रीलंका ने एक गेंद शेष रहते मेजबान टीम को हराकर इंग्लैंड की सरजमीं पर पहली टैस्ट सीरीज जीती थी। लेकिन उस दौरे के बाद से टीम के दो सबसे अनुभवी बल्लेबाज संगकारा और जयवर्धने संन्यास ले चुके हैं।

श्रीलंका की टीम इसके अलावा चोटिल तेज गेंदबाज धम्मिका प्रसाद के बिना उतरेगी जिन्होंने 2014 में दूसरी पारी में पांच विकेट चटकाकर इस मैदान पर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी एक बार फिर एंजेलो मैथ्यूज के कंधों पर होगी। मैथ्यूज ने भी दो साल पहले हेडिंग्ले पर शतक जड़ा था। प्रसाद की गैरमौजूदगी में गेंदबाजी का दारोमदार सुरंगा लकमल, नुवान प्रदीप और दुष्मंता चमीरा जैसे गेंदबाजों पर होगा।

हेडिंग्ले की पिच को बल्लेबाजी के अनुकूल माना जा रहा है लेकिन इस पर कुछ तेजी और उछाल होगा। इस मैदान पर हाल के समय में इंग्लैंड का रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है। उसने सिर्फ एक जीत दर्ज की है जबकि चार मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने के बाद इंग्लैंड की टीम पहली बार टैस्ट क्रिकेट खेलेगी। टीम के सामने सबसे बड़ा फैसला यह होगा कि जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड के साथ तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में नाटिंघमशर के जेक बाल को पदार्पण का मौका दे या फिर स्टीवन फिन को बरकरार रखे।

हृदय से जुड़ी परेशानी के कारण जेम्स टेलर के संन्यास के बाद हैंपशर के बल्लेबाज जेम्स विंस को मौका मिलना तय है। बल्लेबाजी की जिम्मेदारी इसके अलावा जो रूट और जानी बेयरस्टा पर होगी। कप्तान एलिस्टेयर कुक को 10000 टैस्ट रन बनाने वाला पहला इंग्लैंड का बल्लेबाज बनने के लिए सिर्फ 36 रन की दरकार है। दूसरी तरफ कुक के सलामी जोड़ीदार एलेक्स हेल्स और तीसरे नंबर के बल्लेबाज निक काम्पटन पर टीम में अपनी जगह पक्की करने का दबाव होगा।