Shoaib Akhtar has clarified his statement regarding Danish Kaneria: पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर दानिश कनेरिया मामले पर अब अपने बयान से मुकरते दिखाई पड़ रहे हैं। अख्तर ने हाल ही में कहा है कि उनके बयान को पूरी तरह गलत समझा गया। अपने साथी खिलाड़ी दानिश कनेरिया को लेकर अख्तर ने कहा था कि हिंदू होने के कारण उसे टीम में भेद-भाव का सामना करना पड़ता था। लेकिन अख्तर ने इस मामला को बढ़ता देख अब इस पर अपनी सफाई पेश की है। अख्तर ने कहा, ‘पाकिस्तान की टीम धार्मिक आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करती थी, ये उनकी टीम का कल्चर नहीं रहा है।’ अपने यू-ट्यूब चैनल पर अख्तर ने कहा कि टीम में बस एक-दो खिलाड़ी ऐसे थे जो कनेरिया के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। बाकी के सदस्यों ने हमेशा ही इसका विरोध किया है।

वहीं शनिवार को पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने भी कनेरिया मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनकी टीम में ऐसा कभी नहीं होता था। इंजमाम ने कहा, ‘कनेरिया ने सबसे ज्यादा क्रिकेट मेरी कप्तानी में खेला है और उस दौरान खिलाड़ियों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता था।’ इंजमाम-उल-हक के दिए गए बयान के बाद अख्तर ने भी उनका समर्थन किया और अपने दिए स्टेटमेनट पर सफाई देने का काम किया।

जबकि हिंदू धर्म को मानने वाले कनेरिया ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर अख्तर की बातों को सपोर्ट करते हुए जल्द ही उन्हें परेशान करने वाले खिलाड़ियों का नाम सामने लाने की बात कही थी। बता दें कि गुरुवार को एक टीवी शो के दौरान अख्तर ने कहा था कि दानिश कनेरिया के साथ कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने पक्षपातपूर्ण बर्ताव किया और उसके साथ खाना भी नहीं खाते थे क्योंकि वह हिंदू था। अपने मामा अनिल दलपत के बाद पाकिस्तान के लिये खेलने वाले दूसरे हिंदू कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट में 261 विकेट लिए हैं।

शोएब ने पीटीवी स्पोटर्स पर ‘गेम ऑन है’ कार्यक्रम में कहा था, ‘मेरे कैरियर में मैने टीम के दो तीन खिलाड़ियों से लड़ाई भी की जब वे क्षेत्रवाद पर बात करने लगे थे। ‘कौन कराची से है, कौन पंजाब से या कौन पेशावर से , ऐसी बातें होनी लगी थी। क्या हुआ अगर कोई हिंदू है, वह टीम के लिये अच्छा खेल रहा है। उसी हिंदू ने इंग्लैंड के खिलाफ हमें टेस्ट जिताया था।’