भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को अदालत से बड़ी राहत मिली है। जज नेहा शर्मा ने शुक्रवार को अलीपुर कोर्ट ने हसीन जहां के सभी दावों को खारिज कर फैसला शमी के पक्ष में सुनाया। हसीन जहां ने मोहम्मद शमी से गुजारा भत्ता के तौर पर प्रतिमाह 7 लाख रुपए की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने नकार दिया है। शमी को सिर्फ अपनी बेटी के लिए हर महीने 80,000 रुपए गुजारा भत्ता देना होगा।  इस मामले पर शमी के वकील का कहना है कि शमी अपनी बेटी का खर्च उठाने के लिए शुरू से ही तैयार थे। वहीं इस फैसले से नाखुश हसीन जहां के वकील ने कहा कि उनकी क्लाइंट अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहीं हैं। शमी से अलग होने के बाद हसीन ने एक बार फिर मॉडलिंग की दुनिया में कदम रख दिया है। बता दें कि हसीन जहां ने शमी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, हसीन ने अपने फेसबुक अकाउंट पर व्हाट्सएप और फेसबुक मेसेंजर पर विभिन्न महिलाओं के साथ की गई शमी की बातचीत का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था। उन्होंने उन महिलाओं की तस्वीरें और फोन नंबर भी अपलोड किए थे। हसीन जहां ने आरोप लगाया था कि शमी के परिवार के सदस्यों ने उनकी हत्या करने की कोशिश भी की।

(फोटोः BCCI/FB: Hasin Jahan)

हसीन जहां ने कहा था कि शमी के परिवार में हर व्यक्ति मुझे प्रताड़ित करता था। उनकी मां और भाई भी मेरे साथ दुर्व्यवहार करते थे। यह मारपीट सुबह के 2-3 बजे तक चलती थी। वे मेरी हत्या भी करना चाहते थे।”मैंने उन्हें सुधरने का बहुत समय दिया और खुद को शांत रखने की काशिश की लेकिन अपनी गलतियां स्वीकार करने के बजाया, वह अपना गुस्सा मुझ पर निकालते थे और यहां तक कि उन्होंने मुझे धमकी भी दी कि चुप रहने में ही मेरी बेहतरी है।”

वहीं इन आरोपों पर मोहम्मद शमी ने कहा था कि कोई तीसरा शख्स उनके घर को बर्बाद करने पर तुला है और वही हसीन के कान भर रहा है। शमी ने साथ ही कहा कि इस मामले में उन्हें कुछ साबित नहीं करना है। जो साबित करना है, उनकी पत्नी हसीन जहां को करना है क्योंकि आरोप उन्होंने लगाए हैं। हसीन के आरोप बेबुनियाद हैं और कोई तीसरा शख्स उनका घर उजाड़ने पर तुला है। बता दें कि इस समय मोहम्मद शमी भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड के दौरे पर हैं जहां वे टीम के साथ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का हिस्सा हैं।