Ravichandran Ashwin Tweet on Overthinking: बांग्लादेश (Bangladesh) के खिलाफ 25 दिसंबर 2022 को ढाका में टीम इंडिया (Team India) को जीत दिलाने के बाद टीम इंडिया (Team India) के ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने ओवरथिंकर कहने वाले आलोचकों को करारा जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि यह शब्द भारत के लिए खेलना शुरू करने के बाद से जुड़ा हुआ है। इसी तरह से क्रिकेट खेलते हैं, लेकिन दूसरों को ऐसा करने की सलाह नहीं देते हैं। उन्हें 13 साल यह समझने में लगे कि यह शब्द हमेशा उनके साथ जुड़ा रहेगा।
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने कहा कि वे आर्टिकल पढ़ रहे थे, जिनमें ‘ओवरथिंकिंग’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था। ऑलराउंडर ने कहा कि वह अपने विचार उन युवाओं के लिए साझा कर रहे हैं जिन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने ट्वीट करके कहा, “ओवरथिंकिंग” एक ऐसी धारणा है जो मेरे साथ तब से जुड़ी है जब से मैंने टीम इंडिया की जर्सी को गर्व के साथ पहना है। मैंने इसके बारे में काफी सोचा है। मेरा मानना है कि मुझे लोगों के दिमाग से इस शब्द को मिटाने के लिए एक पीआर पर गंभीरता से विचार करना चाहिए था।
ओवरथिंकर कहने पर क्या सोचते हैं रविचंद्रन अश्विन (What does Ravichandran Ashwin think about being called an overthinker?)
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने आगे कहा कहा, ” हर व्यक्ति का सफर विशेष और अलग होता है। कुछ इसके बारे में ज्यादा सोचते हैं तो कुछ के लिए यह काफी आसान होता है। जब भी मुझे ओवरथिंकर कहा जाता मुझे लगता है कि मैं इसी तरह क्रिकेट खेलता हूं, लेकिन दूसरों को इस तरह खेलने की सलाह नहीं देता हूं।”
मेरा लक्ष्य शाब्दिक जंग जीतना नहीं, बल्कि सीखना है
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ” मैं खेल के बारे में गहराई से सोचता हूं और अपने विचार साझा करता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि विचार साझा करने से काफी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। इस बात से मुझे फर्क नहीं पड़ता कि यह पॉपुलर होगा या नहीं, क्योंकि मेरा लक्ष्य शाब्दिक जंग जीतना नहीं, बल्कि सीखना है।
रविचंद्रन अश्विन ने दिया यह डिस्कलेमर (Ravichandran Ashwin Disclaimer Tweet)
रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने एक ट्वीट में डिस्कलेमर लिखा कि उन्हें किसी साथी या किसी व्यक्ति से दिक्कत नहीं है। यह सबकुछ उन्होंने कुछ आर्टिकल पढ़ने के बाद लिखा है। उन्होंने कहा, “मुझे किसी साथी या किसी और से कोई समस्या नहीं है और यह केवल कुछ आर्टिकल के जवाब में लिखा गया है, जो मैंने सफर के दौरान पढ़े। मुझे यह समझने में 13 साल लग गए कि यह शब्द मेरे साथ जुड़ा रहेगा और उम्मीद है कि इसको पढ़ने से युवाओं को कुछ फायदा होगा।”