टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और हेड कोच रवि शास्त्री ने 1985 की वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट (1985 Benson & Hedges tournament) में गोल्डन कलर की ऑडी कार जीती थी। उन्होंने इसे लेकर मजेदार किस्सा साझा किया है। पाकिस्तान को हराकर टीम इंडिया विजेता बनी थी। उन्होंने बताया कि कैसे दिग्गज पाकिस्तानी क्रिकेट जावेद मियांदाद के साथ कार को लेकर उनकी बहस हो गई थी।
इस मैच के बारे में बात करते हुए शास्त्री ने कहा, “1985 बेंसन एंड हेजेज टूर्नामेंट के फाइनल में पाकिस्तान को हराने के लिए हमें 15-20 रन और चाहिए थे। फील्ड सेटिंग देखने के लिए मेरी नजर स्क्वायर लेग पर जा रही थी। पाकिस्तान के कप्तान जावेद मियांदाद मिडविकेट पर थे।” शास्त्री ने आगे बताया, ” मियांदाद ने मुझसे कहा कि तू बार -बार उधर क्या देख रहा है। गाड़ी को क्यूं देख रहा है ?! वो मिलने वाली नहीं है तेरे को! मैंने जावेद से कहा कि जावेद, मेरी तरफ ही आ रही है!”
शास्त्री ने यह भी कहा, “तो, कुछ मायनों में चाबी मिलने से पहले ही फन शुरू हो गया था। प्रेजेंटेशन में जब मुझे इयान चैपल से चाबियां मिलीं, तो मैंने उनके पीछे एक आवाज सुनी। मैं देखा कि मेरे साथी पहले से ही कार में हैं। पैसेंजर सीट पर सनी (सुनील गावस्कर) थे। कपिल सबसे पीछे थे। दूसरे चढ़ रहे थे। मैंने इयान से कहा, एक मिनट, मैं आया।”
टीम इंडिया के पूर्व कोच ने किस्सा बताते हुए कहा, “मैं गया, अंदर बैठ गया। इग्निशन चालू कर दिया और देखा कि मैदान का चक्कर लगाने लायक पेट्रोल था। इससे पहले कि आयोजक या कोई प्रतिक्रिया दे पाता, मैंने कार स्टार्ट कर दी थी और हम चल पड़े। जिमी (अमरनाथ) बोनट पर थे। मुझे याद है कि सदानंद विश्वनाथ टॉप पर थे और उनके जूते के स्पाइक से खरोंच आ गई थी।”
रवि शास्त्री ने यह भी कहा, “मैंने अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल कया है, उनमें से यह कार सबसे ऊपर है। छह छक्कों को याद किया जा सकता है, लेकिन यह मेरे करियर में सबसे बड़ा पल है। इसे लेकर बात करने को बहुत चीज है और जब आप पाकिस्तान को फाइनल में हराते हैं तो कोई भी इसे नहीं भूल सकता।”
(रवि शास्त्री भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर, पूर्व कोच और कमेंटेटर हैं। उन्होंने श्रीराम वीरा से बात की)