भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच की पिच को मैच रैफरी ने खराब करार दिया है। आईसीसी ने यह रिपोर्ट बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) को भेज दी है। बीसीसीआई को 14 दिन के अंदर इस पर जवाब देना होगा। मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ने 28 फरवरी को अपनी मैच रिपोर्ट में पिच को खराब बताया। उन्होंने आईसीसी पिच एंड आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रोसेस के क्लॉज 3 के तहत अपनी रिपोर्ट दाखिल की है और पिच की क्वालिटी पर सवाल उठाए हैं। बीसीसीआई का जवाब आने के बाद आईसीसी के ज्यॉफ एलार्डिस और रंजन मदुगले इसको रिव्यू करेंगे। बता दें कि पुणे टेस्ट तीन दिन में ही समाप्त हो गया था। इसे ऑस्ट्रेलिया ने 333 रन से जीता था। यह पिच काफी ज्यादा टर्निंग ट्रेक था। मैच के दौरान कमेंटेटर्स ने बताया था कि पहले दिन का पिच ही तीसरे दिन जैसा लग रहा है।
इसी बीच पुणे टेस्ट की पिच का मनमाफिक बनवाने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजमेंट के दबाव डालने की जानकारी भी सामने आई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मैच से पहले पिच से घास को पूरी तरह से हटाने को कहा गया था। इस मांग को पिच के क्यूरेटर ने ठुकरा दिया था। उनकी ओर से कहा गया कि पिच को बनाए रखने के लिए घास जरूरी है। बाद में टीम मैनेजमेंट ने पिच कमिटी के मुखिया दलजीत सिंह से ऐसी अपील की थी। लेकिन उन्होंने भी इस मांग को नहीं माना। बताया जाता है कि टीम मैनेजमेंट ने बीसीसीआई के अधिकारियों के जरिए दबाव डलवाकर पिच को स्पिन के मददगार बनवाया था। हालांकि उनका यह दांव टीम इंडिया के लिए ही महंगा पड़ गया। भारत को पांच साल में पहली बार घर में टेस्ट मैच हारना पड़ा।
पुणे टेस्ट में भारत दोनों पारियों में 100 रन के आसपास सिमट गया। पहली पारी में जहां उसकी पारी 105 रन पर सिमटी तो दूसरी में 107 रन पर। ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के स्पिनर स्टीव ओकीफी ने कुल मिलाकर 70 रन देकर 12 विकेट झटके। उनकी गेंदें इस पिच पर काफी घूम रही थी। वहीं भारतीय स्पिनर्स को इतनी मदद मिली। हालांकि उन्हें टर्न मिल रहा था लेकिन वे कंगारू बल्लेबाजों को परेशान नहीं कर पाई थीं।
