जावेद मियांदाद ने राष्ट्रीय टीम को त्रासदी की दहलीज पर खड़ा करने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा नियुक्त विदेशी कोचों को जिम्मेदार ठहराया है। मियांदाद ने इस घोषणा के लिए भी पीसीबी को लताड़ा कि वे लाहौर में मार्च में दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित करेंगे जिसमें प्रमुख पूर्व कप्तानों और दिग्गजों को बुलाकर चर्चा की जाएगी और पाकिस्तान क्रिकेट की समस्या का हल खोजा जाएगा। इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘इस सम्मेलन के लिए किसी ने मेरे से अब तक संपर्क नहीं किया है। मैंने इसके बारे में समाचार पत्रों में पढ़ा जिसमें मेरा नाम भी आमंत्रित खिलाड़ियों की सूची में था। लेकिन स्थानीय खिलाड़ियों के साथ इस सम्मेलन का कोई मायने नहीं हैं जबकि बोर्ड भारी भरकम वेतन में विदेशी कोचों की नियुक्तियां कर रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘इन विदेशी कोचों और सहायक स्टाफ ने पाकिस्तान क्रिकेट को नुकसान पहुंचाया है और इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। इसलिए अब स्थानीय खिलाड़ियों से सलाह मशविरे का क्या मतलब है।’ पाकिस्तान की ओर से 124 टेस्ट और 233 वनडे खेलने वाले और तीन बार राष्ट्रीय टीम के कोच रहे मियांदाद का मानना है कि नाराज और निराश प्रशंसकों और आलोचकों को बेवकूफ बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

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