क्रिकेट के इतिहास के लिए 24 फरवरी का दिन कोई आम दिन नहीं है। 2010 में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारतीय बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर ने आज ही के दिन क्रिकेट की पिच पर तांडव किया था। सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास का पहला दोहरा शतक बनाया था।
लिटिल मास्टर ने इस दिन जिल मील के पत्थर को छुआ था वो उनसे पहले किसी बल्लेबाज के लिए सपना ही हुआ करता था। अपने इस दोहरे शतक के साथ ही महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट इतिहास के एक और पन्ने को अपने स्वर्णिम अक्षरों से लिख दिया था।
24 फरवरी 2010 को ग्वालियर के कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम में भारत का साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के साथ मैच चल रहा था। इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 3 विकेट खोकर 401 रन का विशाल स्कोर बनाया। 147 गेंदों का सामना करते हुए 25 चौके और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 200 रन बनाकर तेंदुलकर ने वनडे इतिहास की पहली डबल सेंचुरी लगाई। सचिन के अलावा मैच में दिनेश कार्तिक ने 79, यूसुफ पठान ने 36 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 68 रन का योगदान दिया था।
सचिन की इस यादगार पारी की बदौलत टीम इंडिया ने मैच में 153 रनों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।वनडे क्रिकेट में सचिन का डबल सेंचुरी जड़ना एक युग की शुरुआत करने जैसा था। सचिन से पहले यह कारनामा कोई बल्लेबाज नहीं कर सका था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क महिला क्रिकेट में 229 रन की पारी खेल चुकी थीं।
सचिन के बाद इस कीर्तिमान तक 5 और बल्लेबाज पहुंचे। मजेदार बात ये है कि दोहरा शतक लगाने वाले 6 बल्लेबाजों की में तीन बल्लेबाज भारतीय ही हैं। सचिन के अलावा भारत के रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग ने भी एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक लगाया। रोहित शर्मा ने तो दो बार ये कारनामा कर दिखाया। इनके अलावा क्रिस गेल और मार्टिन गुप्टिल ने भी डबल सेंचुरी लगाई है।
लेकिन जैसे क्रिकेट की बात करते ही सबसे पहला नाम सचिन का याद आता है उसी तरह जब-जब दोहरे शतक की बात आएगी सचिन की उस ऐतिहासिक विध्वंसक पारी को जरूर याद किया जाएगा।

