भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज रोमांचक मोड़ पर है। दोनों टीमें चार टेस्ट मैचों की शृंखला में तीन मैचों के बाद 1-1 से बराबर है। धर्मशाला में खेले जाने वाले चौथे और आखिरी टेस्ट से दोनों टीमों में कौन विजेता होगा, इसका फैसला होगा। लेकिन विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय क्रिकेट टीम 16 साल पहले के हरभजन सिंह के प्रदर्शन से प्रेरणा लेकर ऑस्ट्रेलिया को धूल चटा सकती है। आज से ठीक 16 साल पहले 2001 में चेन्नई टेस्ट में हरभजन सिंह ने 15 विकेट लेकर भारत को सीरीज का विजेता बना दिया था। इस टेस्ट में भज्जी ने सात और दूसरी में आठ विकेट चटकाए थे। भारत ने दो विकेट से यह मैच जीतकर तीन टेस्ट की सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। 15 विकेट लेने पर हरभजन को ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन के साथ मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
चेन्नई टेस्ट में कंगारू टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। ओपनर मैथ्यू हेडन के दोहरे शतक (203) के बूते ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 391 रन बनाए। हेडन के अलावा मार्क वॉ ने 70 रन की पारी खेली थी। उनके अलावा बाकी बल्लेबाज भज्जी की फिरकी के आगे चक्करी हो गए। भारत ने पहली पारी में सचिन तेंदुलकर के शतक(126), शिवसुंदर दास(84), राहुल द्रविड़(81), वीवीएस लक्ष्मण(65) और सदगोपन रमेश(61) के अर्धशतकों के बूते 501 रन बनाए। इसके चलते उसे 110 रन की अहम बढ़त मिली। इसके बाद मेहमान टीम की दूसरी पारी 264 रन पर सिमट गई।
दूसरी पारी में भी हरभजन सिंह की स्पिन गेंदबाजी का जादू कंगारू बल्लेबाजों के सिर चढ़कर बोला। मार्क वॉ (57) को छोड़कर कोई ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज फिफ्टी के आंकड़े को नहीं छू पाया। भारत को मैच और सीरीज जीतने के लिए 155 रन का लक्ष्य मिला। मैच की चौथी पारी में भारत की शुरुआत खराब रही लेकिन वीवीएस लक्ष्मण (66) एक छोर पर जम गए। उन्होंने सदगोपन रमेश( 25) और सचिन तेंदुलकर (17) के साथ उपयोगी साझेदारियां कर टीम इंडिया को लक्ष्य के करीब पहुंचाया दिया। लेकिन राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली सस्ते में निपट गए। इससे दबाव भारत पर आ गया। 135 रन के स्कोर पर भारत के सात विकेट गिर गए थे।
ऐसे समय में टीम इंडिया के संकटमोचक बने विकेटकीपर और पहला टेस्ट खेल रहे समीर दिघे। वे 22 रन बनाकर नाबाद रहे और भारत को विजय दिला दी। इसके साथ ही तीन मैच की सीरीज भारत ने 2-1 से जीत ली। भारत ने यह शृंखला पहले टेस्ट की हार से पिछड़ने के बाद वापसी कर जीती। इसी सीरीज में भारत ने कोलकाता टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। हरभजन सिंह ने तीन टेस्टों में 32 विकेट झटके।

