बुधवार (आठ फरवरी) को क्रिकेट प्रेमियों के बीच “कलाई के जादूगर” के नाम से मशहूर मोहम्मद अजहरुद्दीन का 54वां जन्मदिन है। आठ फरवरी 1963 को हैदराबाद में जन्मे अजहर को भारत के सबसे सफल कप्तानों और बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है। क्रिकेट में मैच फिक्सिंग से जुड़े मामले में नाम सामने आने पर उनके करियर पर दाग भी लगा। क्रिकेट से राजनीति में उतरे अजहर यूपी के मुरादाबाद से सांसद भी रह चुके हैं। उनके जन्मदिन पर कलात्मक क्रिकेट के शौकीनों को हम एक ऐसे मैच की याद दिलाएंगे जिसमें अजहर ने किताब और गैर-किताबी शॉट लगाकर न केवल भारतीय टेस्ट टीम को संकट से उबारा बल्कि अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे दक्षिणी अफ्रीकी गेंदबाज और ऑल राउंडर लांस क्लूजनर को दिन में तारे दिखा दिए थे। भारत भले ही वो टेस्ट हार गया हो लेकिन अजहर के 74 गेंदों पर लगाए शानदार शतक आज भी याद है।
1996 में दक्षिण अफ्रीकी टीम हैंसी क्रोंजे के नेतृत्व में तीन टेस्ट मैचों की शृंखला खेलने भारत आयी थी। वहीं भारतीय टेस्ट टीम की कप्तान अजहर से लेकर सचिन तेंदुलकर को सौंपी गयी थी। दोनों टीमों के बीच अहमदाबाद में खेला गया पहला टेस्ट मैच भारत ने 64 रनों से जीत लिया था। कोलकाता के ईडन गार्डन में हुए दूसरे टेस्ट मैच में मेहमान टीम पर सीरीज बचाने का दबाव था। इस टेस्ट सीरीज से पहले भारत इंग्लैड दौरे में हार चुका था। इसकी कीमत उन्हें कप्तानी खोकर चुकानी पड़ी थी। बल्लेबाजी में भी वो आउट ऑफ फॉर्म थे। अजहर ने पिछली पांच टेस्ट मैचों में 17.37 के औसत से कुल 139 रन बनाए थे। ईडन गार्डेन मैदान पर अजहर ने टेस्ट मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। इस टेस्ट मैच से पहले ईडन गार्डेन पर अजहर 110, 141, 60, 182 रनों की टेस्ट पारियां खेल चुके थे।
देखें मोहम्मद अजरुद्दीन ने कैसे मारे लांस क्लूजनर की लगातार पांच गेंदों पर पांच चौके-
सीरीज बचाने के लिए उतरी अफ्रीकी टीम ने एंड्रयू हटसन और गैरी कर्सटन की शतकीय पारियों की मदद से 428 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। दोनों ने पहले विकेट लिए 236 रनों की रिकॉर्ड पारी खेली थी। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। नयन मोंगिया और राहुल द्रविड़ की सलामी जोड़ी 71 रनों के कुल स्कोर पर पवैलियन वापस जा चुकी थी। सचिन तेंदुलकर और सौरभ गांगुली के बल्ले भी नहीं चले। लम्बे समय बाद अपने प्रिय मैदान पर उतरे अजहर टेस्ट क्रिकेट में पहली बार छह रन के निजी स्कोर पर चोटिल होकर पवैलियन वापस जा चुके थे।
भारतीय टीम 161 रनों पर सात विकेट खो चुकी थी। सातवें विकेट के तौर पर गेंदबाज जवागल श्रीनाथ आउट हो चुके थे। वहीं फिरकी गेंदबाद अनिल कुंबले फॉलोआन बचाने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे थे। भारतीय टीम में घायल अजहर, गेंदबाद वेंकटेश प्रसाद और स्पीनर नरेंद्र हिरवानी का विकेट बचा था। श्रीनाथ के आउट होने के बाद अजहर वापस बल्लेबाजी करने आए। भारतीय टीम के लिए फॉलोआन बचाने की सारी उम्मीदें कुंबले और अजहर पर टिकी थीं। प्रसाद और हिरवानी के विकेट दक्षिणा अफ्रीका की कातिल धारदार गेंदबाजी के सामने कितने देर टिकेंगे इसे लेकर शायद ही किसी को कोई भ्रम रहा होगा।
तेज गेंदबाज एनल डोनाल्ड मैच में पूरे फॉर्म में थे। ऊंची आती गेंद से घायल हुए अजहर को डराने के लिए दक्षिणी अफ्रीकी कप्तान ने उनके आते ही डोनाल्ड को गेंद थमा दी। अफ्रीकी टीम की रणनीति साफ थी। वो अजहर को चेहरे तक आती गेंदे खिलाकर डराना चाहते थे। लेकिन दोबारा पिच पर उतरे अजहर का मिजाज भी बदल चुका था। डोनाल्ड के ओवर में अजहर ने बाउंसर गेंद पर चौका मारकर अपना इरादा जता दिया। अजहर और कुंबले ने भारत का स्कोर सात विकेट पर 200 रन पहुंचा दिया।

भारतीय टीम को फॉलो आन बचाने के लिए 29 रनों की और जरूरत थी। अजहर की निगाहें जमती नजर आ रही थीं। तभी अफ्रीकी टीम ने उन्हें चौंकाने के लिए पहला टेस्ट मैच खेल रहे लांस क्लूजनर को गेंद थमायी। अजहर ने क्लूजनर की पहली पांचों गेंदों पर लगातार पांच चौके जमाकर दिखा दिया कि अफ्रीकी टीम ने उन्हें आंकने में गलती की। भारतीय टीम फॉलो आन बचाने के लिए जरूरी 29 रनों में से 20 रन बना लिए थे। कुंबले ने भी अजहर की दिखायी राह पर चलते हुए अगले ओवर में डोनाल्ड की पहली दोनों गेंदों पर चौके लगाकर भारत को आसन्न संकट से उबार लिया।

मैच में अजहर ने 35 गेंदों पर अर्ध-शतक और 74 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। अजहर 109 रनों के निजी स्कोर पर आउट हुए तो 322 हो चुका था। अजहर ने अपनी पारी में 18 चौके और एक छक्का मारा था। अजहर के जाते ही भारत के बाकी बचे दोनों विकेट 329 पर पांच रनों के अंदर गिर गए। दक्षिण अफ्रीका ने कर्सटन के शतक के सहारे दूसरी पारी में 367 रन बनाए। दूसरी पारी में 467 रनों का पीछा कर रही भारतीय टीम का प्रदर्शनीय दयनीय रहा। पूरी टीम 137 रन पर आउट हो गयी जिसमें अजहर का 52 रनों का निजी योगदान था। दक्षिणा अफ्रीका लिए पहली पारी में एक भी विकेट नहीं ले पाने वाले क्लूजनर ने दूसरी पारी में भारत के आठ विकेट चटकाए। उन्होंने पहली पारी का हिसाब चुकता करते हुए अजहर को भी ब्रायन मैकमिलन के हाथों कैच कराया। सीरीज का दूसरा मैच दक्षिण अफ्रीका 329 रनों से जीत गया। हालांकि भारत ने कानपुर में हुआ तीसरा और अंतिम मैच 280 रनों से जीतकर टेस्ट सीरीज अपने नाम कर ली थी।

