क्रिकेट में कई नियम ऐसे हैं जिसका शिकार बनने पर बल्लेबाज को ये लगता है कि उसके साथ नाइंसाफी हुई है। ऐसे नियमों के चलते आउट होने के बाद बल्लेबाज जब पवेलियन में लौटता है तो उसे काफी निराशा होती है। ऐसा ही एक वाकया आॅस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एक मैच के दौरान हुआ था, मिशेल स्टार्क गेंदबाजी कर रहे थे और बल्लेबाज ने स्ट्रेट ड्राइव खेला। स्टार्क ने गेंद को गैदर करने के बाद थ्रो किया और बल्लेबाज को क्रिकेट नियम का पालन ना करने के चलते अपना विकेट गवांना पड़ा। दरअसल, मिचेल स्टार्क ने गेंद को अपने फॉलोथ्रू में गैदर किया पलक झपकते ही स्टंप्स की ओर निशाना साध दिया। गेंद को बल्लेबाज ने स्टंप्स पर लगने से पहले अपने हाथों से रोक दिया। नियमों के मुताबिक, अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर खेल में बाधा पहुंचाता है तो उसे आउट दिया जाता है और इस तरह इंग्लिश बल्लेबाज को भी क्षेत्ररक्षण के दौराना बाधा पहुंचाने का दोषी माना गया और अंपायर ने आउट करार दे दिया।
एक बार पाकिस्तान के खिलाड़ी अनवर अली को भी साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में विपक्षी टीम के क्षेत्ररक्षण में जानबूझकर बाधा पहुंचाने के लिए अंपायर ने आउट करार दिया था। अनवर अली विकेटकीपर द्वारा किए गए थ्रो के बीच में जानबूझकर आ गए थे, जिसके बाद उन्हें आउट करार दे दिया गया। आईपीएल 2016 में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट (तब इस टीम का नाम पुणे वारियर्स इंडिया था) के कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज युसुफ पठान को आॅब्सट्रक्शन आॅफ फील्ड नियम के तहत पवेलियन लौटना पड़ा था। पठान ने पुणे के गेंदबाज वॉयने पर्नेल की यॉर्कर गेंद को ब्लॉक कर दिया और एक रन लेने के प्रयास में गेंद को अपने पैरों से मारकर दूर पहुंचा दिया। इसके चलते उन्हें आउट करार दिया गया। ऐसे ही वेस्टइंडीज के खिलाफ ल्यूक रोंचि को शॉट खेलने के दौरान स्टंप्स को बल्ले से हिट कर देने के चलते हिट विकेट आउट करार दिया गया। अफगानिस्तान और जिम्बॉब्वे के बीच हुए मैच में जिम्बॉब्वे के बल्लेबाज ने गेंद को कट करने का प्रयास किया, गेंद बल्ले का किनारा लेकर स्टंप्स की तरफ उछल गयी और बल्लेबाज ने अपने हाथों में गेंद को लपक लिया। अंपायर ने उसे ‘हैंडलिंग द बॉल’ नियम के तहत आउट करार दे दिया।

