केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने भारत और वेस्ट इंडीज के बीच एक नवंबर को होने वाले वनडे मैच को कोच्चि के स्थान पर तिरुवनंतपुरम स्थानांतरित करने का फैसला लिया है। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला केरल के खेल मंत्री के विवाद में कूदने के बाद लिया गया है जिसमें केसीए से मैच स्थल को तिरुवनंतपुरम में आयोजित किए जाने को कहा गया था। केरल क्रिकेट संघ (केसीए) के सचिव जयेश जॉर्ज ने भारतीय पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधते हुए कहा, ”मुझे नहीं लगता कि सचिन को पिच की बारीकियों की समझ है और ना ही इसकी जनकारी मुझे है। इस बात को हम दोनों से बेहतर पिच को बनाने वाले क्यूरेटर समझ सकते हैं।” उन्होंने कहा कि सचिन का चिंतित होना जायज है। वो कोच्चि फुटबॉल टीम के सह-मालिक हैं। कोच्चि उनकी टीम का होमग्राउंड है, लेकिन हमने भी जेएनआई स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए निवेश किया है।” जयेश जॉर्ज के मुताबिक, राज्य क्रिकेट संघ ने सरकार के साथ एक एमओयू करते हुए दोनों मैदानों को लीज पर लिया है। केसीए ने दोनों मैदानों में निवेश भी किया है, इसलिए उसे लगता है कि दोनों मैदान को क्रिकेट के लिए चुनने का उसका अधिकार है।

सचिन तेंदुलकर। (PTI File Photo)

बता दें, इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक नवंबर को होने वाले इस मैच को कोच्चि के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कराने का फैसला लिया था। चूंकि यह मैदान फुटबाल का मैदान है, इसलिए इस पर विवाद हो गया था। कोच्चि का मैदान इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की टीम केरला ब्लास्टर्स का घरेलू मैदान है और दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर इस टीम के सह-मालिक हैं।मैच को कोच्चि से तिरुवनंतपुरम स्थानांतरित करने के लिए शशि थरूर और सचिन जैसे कई दिग्गजों ने अपील की थी।

सचिन ने मंगलवार को एक ट्वीट करते हुए कहा था कि उन्होंने सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय से मैच स्थल को स्थानांतरित करने की अपील की थी। तेंदुलकर ने ट्वीट कर लिखा था, “फीफा द्वारा मान्यता प्राप्त कोच्चि के स्टेडियम की संभावित दुर्गति से चिंतित हूं। केसीए से अपील की है कि वह तय करे कि क्रिकेट (तिरुवनंतपुरम) और फुटबाल (कोच्चि) साथ में रहें।” राय के संज्ञान में सांसद शशि थरूर ने भी यह बात लाई थी। दोनों मैदान राज्य सरकार के अधीन हैं। खेल मंत्री एसी मोइदीन ने गुरुवार को केसीए के अधिकारियों के साथ बैठक की और इसका समाधान निकाला।