इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) कप को सोमवार (22 मई) को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ले जाया गया। रविवार रात को फाइनल मुकाबले में मुंबई इंडियंस की जीत के बाद टीम के मालिक अनंत अंबानी भगवान गणेश के इस मंदिर में ट्रॉफी को ‘आशीर्वाद’ दिलाने ले गए। ट्रॉफी के साथ पुलिस का एक दस्ता भी मौजूद था। ट्रॉफी को मंदिर के पुजारियों ने ‘आशीष’ दिया। मुंबई इंडियंस ने रविवार को फाइनल मुकाबले के आखिरी ओवरों में चमत्कारी खेल दिखाया। आखिरी ओवर में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने दो विकेट लिए और पुणे को जीत के लिए जरूरी 11 रन नहीं बनाने दिए। मुंबई इंडियंस को मैच की आखिरी गेंद पर 1 रन की रोमांचक जीत मिली। मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा का कहना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण के फाइनल मैच में उन्हें अपने गेंदबाजों पर पूरा यकीन था और इस कारण वह तीसरी बार इस खिताब को जीतने में कामयाब रहे।
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टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई ने निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर पुणे के सामने 130 रनों का लक्ष्य रखा और अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर पुणे को निर्धारित समय में छह विकेट लेकर 128 रनों पर रोक दिया। पुणे को अंतिम ओवर में 11 रन बनाने थे। जानसन द्वारा फेंके गए इस ओवर की पहली गेंद पर मनोज तिवारी ने चौका लगाया लेकिन दूसरी ही गेंद पर जानसन ने उन्हें आउट कर दिया। इसके बाद अगली गेंद पर जानसन ने कप्तान स्टीवन स्मिथ को आउट किया। फिर अंतिम गेंद पर डेनियल क्रिस्टीयन रन आउट हुए। इस तरह मुम्बई की टीम यह मैच एक रन से जीतने में सफल रही।
रोहित ने कहा, “मैं मैच की शुरुआत से ही शांत था। यह क्रिकेट का शानदार खेल था। मैं आश्वस्त हूं कि दर्शकों ने इस मैच का आनंद लिया होगा। मुझे अपने गेंदबाजों पर विश्वास था कि वह पुणे को यह लक्ष्य हासिल नहीं करने देंगे।”
कप्तान रोहित ने कहा, “इस प्रकार के स्कोर को पुणे द्वारा हासिल कर पाने से रोकने के लिए किया गया प्रयास शानदार था। हमें सबसे पहले खुद पर भरोसा होना चाहिए। मैंने गेंदबाजों से कहा था कि अगर वह कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, तो हम यहां भी ऐसा ही कर सकते हैं। पिच से भी गेंदबाजों को कुछ मदद मिली थी।”

