IPL 2019: इंडियन प्रीमियर लीग के 5 शीर्ष कमेंटेटर्स और 7 टॉप प्लेयर्स में कॉमन क्या है? ये सभी देश की सबसे हाई प्रोफाइल स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट कंसलटेंसी कॉर्नरस्टोन के होम पेज पर नजर आते हैं। यह कंपनी टैलेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक्सपर्ट है। कंपनी टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली, वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने वाले केएल राहुल और कुलदीप यादव, इंटरनैशनल क्रिकेर उमेश यादव और ऋषभ पंत के अलावा उभरते क्रिकेटर श्रेयस अय्यर और ईशान किशन का काम देखती है। हालांकि, यह कंपनी उन लोगों से भी जुड़ी है, जो आईपीएल में इन खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर टिप्पणियां करते रहते हैं। ये हैं पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा, ग्रैम स्मिथ, एलन विलकिंस, मेल जोंस और एम बांग्वा।
2017 में क्रिकेट में सुधार को लेकर जस्टिस आरएम लोढ़ा कमिटी के सुझावों पर आधारित सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों और कमेंटेटर्स के लिंक्स पर गौर करना शुरू किया था। उस वक्त क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद टीवी एक्सपर्ट बने सुनील गावस्कर को अपनी कंपनी प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप (पीएमजी) के प्लेयर मैनेजमेंट यूनिट को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने कमेंटेटर बने रहने का फैसला किया था। गावस्कर अभी भी पीएमजी के डायरेक्टर हैं। लोढ़ा ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई से कहा था कि वो ‘सीधे या अप्रत्यक्ष, अर्थ संबंधित या अन्य हितों के टकराव या ऐसा दिखने वाले’ मामलों से निपटे।
जहां तक कॉर्नरस्टोन की वेबसाइट का सवाल है, यहां पर सातों खिलाड़ियों को ‘टैलेंट’ के अंतर्गत जगह दी गई है। वहीं, कमेंटेटर्स को ‘नॉन एक्सक्लूसिव टैलेंट’ में रखा गया है। जब हितों में टकराव की गुंजाइश को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस ने सवाल पूछे तो कॉर्नरस्टोन के सीईओ बंटी सजदाह ने कहा कि वह इस मुद्दे पर टिपपणी नहीं करना चाहते। द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से भेजे गए विस्तृत सवालों का सजदाह ने जवाब नहीं दिया। उनसे कंपनी और कमेंटेटर्स के बीच जुड़ाव और ‘नॉन एक्सक्लूसिव टैलेंट’ के मतलब को लेकर सवाल पूछे गए थे।
वहीं, भारत के पूर्व टेस्ट ओपनर चोपड़ा ने माना कि किसी ऐसी कंपनी से उनका जुड़ाव जो खिलाड़ियों का भी कामकाज देखती है, इसे हितों का टकराव के तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऐसे मामलों में ‘लकीर’ कैसे खींची जाए? स्टार स्पोर्ट्स पर आईपीएल कमेंट्री कर रहे आकाश ने पूछा,’अगर किसी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट फर्म के रोस्टर में 50 लोग शामिल हों तो मैं इससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं समझ पाता। आप कैसे लकीर खींचोगे? लोगों को काम करना रोकना पड़ेगा। मैं (कॉर्नरस्टोन के साथ) नॉन एक्सक्लूसिव आधार पर हूं और मेरा नाम पांच अन्य वेबसाइट्स पर भी हो सकता है। अगर आप इसे उस नजरिए से देखोगे तो पूरी इंडियन क्रिकेट टीम को वे लोग मैनेज करते हैं जो मेरा कामकाज भी देखते हैं। सवाल यह है कि आप ऐसा इकोसिस्टम कैसे पाएंगे जहां हर किसी को ऐसे मैनेज किया जाए कि हितों का कोई टकराव न हो।’ चोपड़ा ने दावा किया कि उन्हें किसी खिलाड़ी विशेष का पक्ष लेने के लिए कभी संपर्क नहीं किया गया।