इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र में बालीवुड के लोकप्रिय गाने सुनने को नहीं मिलेंगे क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने बीसीसीआइ और सात आइपीएल टीमों को निर्देश दिया है कि सिंगर्स एसोसिएशन के सदस्यों की इजाजत के बिना वे बालीवुड संगीत नहीं बजा सकते। द इंडियन सिंगर्स राइट्स एसोसिएशन (आइएसआरए) ने अदालत से दिल्ली डेयरडेविल्स को छोड़कर आइपीएल टीमों के बालीवुड संगीत बजाने पर रोक लगाने की मांग की थी। इनका कहना है कि सदस्यों की अनुमति के बिना गीत बजाना ‘कलाकार के अधिकार’ का हनन है।
अदालत ने इवेंट मैनेजमेंट फर्म डीएनए इंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके संचालन प्रबंधक को 19 अप्रैल तक बालीवुड गीत नहीं बजाने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई इसी दिन होनी है और बीसीसीआई भी इसी दिन अपना जवाब देगा। न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने कहा कि अगली सुनवाई तक प्रतिवादी आइपीएल मैचों के दौरान रेडियो, टीवी, मोबाइल या अन्य माध्यमों से आइएसआरए से मंजूरी के बगैर ऐसा कोई काम नहीं कर सकता जिससे रायल्टी पाने के उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है। एडवोकेट प्रवीण आनंद ने आइएसआरए की ओर से यह याचिका दायर की। आइएसआरए के सदस्यों में लता मंगेशकर, अलका याग्निक, आशा भोसले और कैलाश खेर शामिल हैं।