क्रिकेट में किसी भी टीम को मैच जीतने के लिए बॉलिंग, बैटिंग और फील्डिंग में बेहतरीन प्रदर्शन करना पड़ता है। क्रिकेट के कोच जब खिलाड़ियों को कोचिंग देते हैं तो उसमें यह बात भी जरूर बताते हैं कि मैच किसी एक व्यक्ति के प्रदर्शन से नहीं बल्कि टीम के सभी ग्यारह खिलाड़ियों के सहयोग से जीता जा सकता है। हां ऐसा होता जरूर है कि किसी एक मैच में कोई खिलाड़ी अकेले दम पर जीत दिला देता हैं, मगर यह हमेशा नहीं होता। अगर बात बल्लेबाी की करें तो किसी टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए साझेदारियों पर ध्यान देना होता है। बल्लेबाजों को कोच हमेशा अपने पार्टनर के साथ साझेदारी करने की सलाह देता है। युवराज सिंह और एमएस धोनी की जोड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ कटक वन-डे में25 रन पर 3 विकेट गिरने के बाद मोर्चा संभाला और अपने दम पर स्कोर को 256 रन तक ले गए। इस तरह मैच जीतने के लिए साझेदारी की अहमियत एक बार फिर साबित हुई। हम आज आपको भारत की पांच ऐसी जोड़ियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए सर्वाधिक शतकीय साझेदारियां की हैं…

सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली।(Photo: Twitter)
सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली।(Photo: Twitter)

सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर: इस बात में कोई शक नहीं है की सचिन और सौरव की जोड़ी वन-डे में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ जोड़ियों में से एक है। इन दोनों के बीच 26 बार 100 से ज्यादा रन की साझेदारी हुई है। यह किसी भी जोड़ी का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। इन दोनों के बीच पहली बार शतकीय साझेदारी साल 1996 में हुई थी, तब दोनों ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले विकेट के लिए 126 रन की साझेदारी की थी। इन दोनों के बीच आखिरी शतकीय साझेदारी साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रही। इस मैच में इन दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर 140 रन जोड़े थे।

सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग।(Photo: BCCI)
सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग।(Photo: BCCI)

सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग: वीरेंद्र सहवाग के टीम में आने के बाद सौरव गांगुली ने ओपनिंग करना छोड़ दिया और सचिन के साथ सहवाग ही पारी की शुरूआत करने लगे। सचिन ने अपने करियर के दूसरे पड़ाव पर वीरेंद्र सहवाग के साथ कई बड़ी साझेदारियां की। इन दोनों बल्लेबाजों ने 114 पारियां साथ खेली हैं। इन 114 पारी में इन दोनों ने 13 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 4387 रन बनाए हैं। 2003 के वर्ल्डकप में पाकिस्तान के खिलाफ इन दोनों की साझेदारी कौन भूल सकता है। इन दोनों ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 15 नवंबर 2003 को हैदराबाद में खेले गए वनडे मुकाबले में पहले विकेट के लिए 182 रन की साझेदारी की थी। इन दोनों के बीच आखिरी शतकीय साझेदारी साल 2011 के वर्ल्डकप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुई थी। इन दोनों ने 13 बार शतकीय साझेदारी की है।

सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़।(Photo: BCCI)
सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़।(Photo: BCCI)

सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़: भारतीय टीम के दो महत्वपूर्ण स्तंम्भ राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम की सबसे भरोसेमंद जोड़ियो में से एक थी। इन दोनों का बल्लेबाजी करने का अपना ही स्टाइल था। दोनों बल्लेबाजों ने वनडे क्रिकेट में कई बड़ी साझेदारियां की हैं। हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ 331 रन की साझेदारी कौन भूल सकता है। यह साझेदारी लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट की सबसे बड़ी साझेदारी रही। इस साझेदारी के अलावा साल 1999 में इन दोनों ने कीनिया के खिलाफ नाबाद 237 रन की साझेदारी की। इसके साथ ही साल 2007 में इन दोनों ने दिग्गजों ने 3 बार शतकीय साझेदारी की। श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में इनके बीच आखिरी बार 95 रन की साझेदारी हुई थी। इन दोनों ने मिलकर 11 शतकीय साझेदारियां की हैं।

राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली।(Photo: BCCI)
राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली।(Photo: BCCI)

सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़: सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत एक साथ की थी। इन दोनों ही बल्लेबाजों ने वनडे मैचों में कई यादगार साझेदारियां की है। 2007 फरवरी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ इन दोनों ने कठिन परिस्थिति में 117 रन की साझेदारी की। इसके साथ ही साल 2000 में जिम्बाव्वे के खिलाफ 175 रन की साझेदारी, 1999 में श्रीलंका के खिलाफ 318 रन की साझेदारी को कौन भूल सकता है। इस मैच में गांगुली ने 183 और द्रविड़ ने 145 रन की पारी खेली थी। इन दोनों के बीच आखिरी शतकीय साझेदारी साल 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ हुई थी। एक जोड़ीदार के तौर पर इन दोनों ने 50 के करीब की औसत से 4000 से ज्यादा रन बनाए हैं। इन दोनों के बीच 11 बार शतकीय साझेदारी हुई है।

महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह।(Photo: BCCI)
महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह।(Photo: BCCI)

महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह: युवराज और धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ कटक वन-डे में शानदार साझेदारी कर भारतीय टीम को जीत दिलाई। इन दोनों ने मिलकर पहली बार 2005 में हरारे में जिम्बाव्वे के खिलाफ शतकीय साझेदारी की थी। उस मैच में धोनी ने 56 और युवराज ने 53 रन बनाए थे। अगले पांच मैचों में से इन दोनों ने 4 मैचों में 100 से ज्यादा रन की साझेदारी की। पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर और कराची में तो इन दोनों ने लगातार मैचों में शतकीय साझेदारियां निभाईं। पाकिस्तान के खिलाफ इन दोनों का बल्ला खूब चलता है। 2007 में इन दोनों ने 2 बार फिर लगातार शतकीय साझेदारियां की। कटक वनडे से पहले धोनी और युवी ने साल 2011 के वर्ल्डकप फाइनल में 50 से ज्यादा रन की साझेदारी की थी। उस मैच में धोनी ने नाबाद 91 रन बनाकर भारत को एक यादगार जीत दिलाई थी। दोनों के बीच 10 बार शतकीय साझेदारी हो चुकी है।