भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हार्दिक पांड्या ने गौरव कपूर के शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ में क्रिकेट से पहले अपनी तंगहाल जिंदगी और संघर्ष के दिनों को लेकर बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि आईपीएल में डेब्यू से पहले उन्हें किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। पांड्या ने बताया कि बकाया ईएमआई के चलते उन्हें अपनी कार तक छिपानी पड़ी थी। शो में 24 साल के क्रिकेटर ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी कार की ईएमआई भरने के लिए तीन साल तक संघर्ष किया। उन्होंने इसके लिए पांच और दस रुपए तक की बचत की।
पांड्या ने बताया, ‘मुझे अभी भी आईपीएल की वो बात याद है जब हमें सत्तर हजार रुपए मिले थे। तब हमने सोचा कि कुछ दिनों तक हमें इन्हीं पैसों से गुजारा करना है। करीब तीन साल तक हमें इसी तरह का संघर्ष करना पड़ा। हमारे पास दो साल तक कारी की ईएमआई भरने तक के पैसे नहीं थे। चूंकि हम स्मार्ट थे। इसलिए हमने अपनी कार छिपा दी। हम नहीं चाहते थे कि किसी भी हाल में हमारी कार हमसे छिन जाए।’
बातचीत में पांड्या ने आगे बताया, ‘उन तीन सालों में हमने जो कुछ कमाया। वो सब हमारे लिए नया बनाने या कुछ खरीदने के बजाय अपनी कार को बचाना था। तब हमारी कार की ईएमआई और भोजन ही हमारे लिए मायने रखता था।’
ऑलराउंडर पाड्या कहते हैं कि बाद में हमारा समय बदला। आईपीएल में मेरा पहला साल था। मुंबई इंडियंस जीती। मुझे पचास लाख रुपए मिले। मुझे एक कार मुफ्त में भी मिली और मैंने एक नई कार भी खरीदी। महज तीन महीने में मेरी जेब में पचास-साठ लाख रुपए थे।
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