न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला भारत ने 2-1 से जीत ली। मुंबई में खेले गए पहले मैच में हार के बावजूद भारतीय टीम ने पुणे में शानदार वापसी की। कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में हुए तीसरे वनडे में न्यूजीलैंड को छह रनों से मात देते हुए तीन मैचों की सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमा लिया। यह भारत की लगातार सातवीं द्विपक्षीय सीरीज जीत है। यह भारत की लगातार सबसे ज्यादा सीरीज जीत का रिकार्ड है। इससे पहले भारत ने लगातार छह द्विपत्रीय सीरीज जीती थीं। वैसे तो पूरी टीम ने एकजुट होकर अच्छा प्रदर्शन किया, मगर इन चार खिलाड़ियों की बदौलत टीम इंडिया ने कीवियों को मात दे दी।
रोहित शर्मा:
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज रोहित शुरुआती दो मैचों में कुछ खास नहीं कर सके थे। मुंबई में उन्होंने 20 रन व पुणे में 7 रन की पारी खेली। हालांकि कानपुर में उतरते ही रोहित अलग रंग में दिखे। उन्होंने हर कीवी गेंदबाज की धुनाई की और 138 गेंदों में 147 रनों की शानदार पारी खेली। उन्हें इसके लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। रोहित ने प्रजेंटेशन में कहा कि उन्होंने प्री-मैच एनालिसिस देखकर अपनी तकनीक में सुधार किया, जिसका नतीजा कानपुर में देखने को मिला।
जसप्रीत बुमराह

डेथ ओवर्स में विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक बुमराह पूरी सीरीज में शानदार फॉर्म में दिखे। उनके साथी भुवनेश्वर कुमार जरूर तीसरे वनडे में थोड़े महंगे साबित हुए, मगर बुमराह की लाइन-लेंथ बिलकुल सटीक थी। उन्होंने तीन मैचों में 6 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच रहे। तीसरे वनडे में उन्होंने तीन विकेट लिए व एक रन-आउट में अहम योगदान दिया।
विराट कोहली
कप्तान विराट कोहली का बल्ले से शानदार प्रदर्शन जारी है। उन्होंने तीन मैचों की श्रृंखला के पहले और आखिरी मैच में शतक लगाए और टीम को मजबूती दी। मुंबई में 121 रन की पारी खेलकर कोहली ने वनडे में सबसे ज्यादा शतक लगाने के रिकी पोंटिंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था तो कानपुर में उन्होंने सबसे तेज 9,000 रन बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया। कोहली ने पूरी सीरीज में बल्ले से 263 रन बनाए और ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुने गए।

यजुवेंद्र चहल
भारतीय टीम के युवा लेग स्पिनर ने तीसरे मैच में अहम भूमिका निभाई। जब भारत को विकेटों की सख्त जरूरत थी, तब चहल ने साझेदारियों को तोड़ा। मुंबई में खाली हाथ रहने के बाद चहल ने पुणे और कानपुर में दो-दो विकेट अपने नाम किये। चहल की फ्लाइटेड गेंदों को पढ़ पाने में कीवी बल्लेबाजों को खासी परेशानी हुई।

