भारत के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने शुक्रवार (24 फरवरी) को अपनी टीम का बचाव किया जो पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन आज (शुक्रवार, 24 फरवरी) यहां पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के अनुभवहीन स्पिनर स्टीफन ओकीफी के सामने नतमस्तक होकर 105 रन पर ढेर हो गई। इस दिग्गज लेग स्पिनर ने कहा कि 19 टेस्ट मैचों तक अजेय रहने वाली किसी भी टीम के लिये सफल दौर के दौरान एक बुरा दिन हो सकता है। उन्होंने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘जैसे आपने कहा, आपके लिये एक दिन बुरा हो सकता है। यह निराशाजनक है। जब केएल राहुल और अंजिक्य रहाणे खेल रहे थे तब हम अच्छी स्थिति में थे। लेकिन एक बार राहुल के आउट होने के बाद हमने पांच या छह गेंद के अंदर चार विकेट गंवा दिये। इससे निश्चित तौर पर हम बैकफुट पर चले गये। कुछ विकेट हमने आसानी से गंवाये।’

मलेशिया के जन्में बायें हाथ के स्पिनर ओकीफी ने 35 रन देकर छह विकेट लिये। उन्होंने अपने एक स्पैल में 24 गेंद के अंदर पांच रन देकर छह विकेट हासिल किये। भारत ने आखिरी सात विकेट 11 रन के अंदर गंवाये। कुंबले ने कहा, ‘यह पिच वास्तव में चुनौतीपूर्ण है और इसलिए हमें बहुत अधिक संयम बरतने की जरूरत थी। अगर आप धैर्य से काम लेते तो रन बना सकते थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल के आउट के बाद हम उस कुछ समय के लिये अपनी पकड़ ही खो बैठे।’

पिच ने काफी लोगों का ध्यान खींचा है और कुंबले ने भी इसे चुनौतीपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा, ‘यह चुनौतीपूर्ण पिच है जिसमें आपको अपना पूरा कौशल दिखाने, आक्रामक होने और साथ ही सतर्कता बरतने की जरूरत है। आपको इन सभी का मिश्रण करके खेलने की जरूरत है। और आज का दिन हमारा नहीं रहा। हमें आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को श्रेय देना होगा। अब हमें यह तय करना है कि कैसे वापसी की जा सकती है और बाकी बचे छह विकेट कैसे हासिल किये जा सकते हैं।’

कुंबले ने कहा, ‘यह इस तरह की पिच है जिससे आपको सामंजस्य बिठाना होगा। हम वास्तव में इससे तालमेल नहीं बिठा पाये। अगर आपने कल का खेल देखा होगा तो पहले 80 रन पहले सत्र में बने और आखिरी 60 रन अंतिम विकेट ने बनाये। इस वजह से हम ऑस्ट्रेलिया को उस स्कोर पर नहीं रोक पाये जिस पर हम चाहते थे।’ उन्होंने कहा, ‘और जैसे मैंने कहा था कि हमें कभी न कभी नाकाम होना था। कुछ बल्लेबाजों को असफलता देखनी थी जो कि लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। विराट कोहली आज जल्दी आउट हो गये। पुजारा भी कम स्कोर पर आउट हुए और मुरली विजय भी।’

कुंबले ने कहा, ‘एक बार जब राहुल और अंजिक्य ने 50 रन की साझेदारी की तब हम अपनी स्थिति अच्छी कर सकते थे और ऑस्ट्रेलियाई स्कोर के करीब पहुंच सकते थे और यहां तक कि बढ़त भी हासिल कर सकते थे। लेकिन एक बार जब हमने विकेट गंवाये और यह सिलसिला नहीं थमा। निचले क्रम के बल्लेबाजों ने पिछले साल अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन यह एक बुरा दिन था। मेरा अब भी मानना है कि इस टेस्ट मैच में अभी काफी क्रिकेट खेली जानी बाकी है। कल नया दिन होगा।’ उन्होंने कहा, ‘आपको इस तरह के विकेट पर अपने शाट खेलने की जरूरत होती है। आप वास्तव में बल्लेबाज (राहुल) को दोष नहीं दे सकते हो।’ राहुल ने लंबा शॉट खेलने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया जिसके बाद भारतीय पारी का पतन शुरू हुआ