सचिन तेंदुलकर के बारे में लिखने के लिए बहुत गहराई तक जाना होता है। सचिन के लिए जब कुछ विशेष लिखा जा रहा हो। सारे अलंकार और संज्ञाएं सचिन के कद के आगे छोटी पड़ने लगती है। सचिन तेंदुलकर ने सोलह साल की उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। छोटी उम्र में जिस बहादुरी और साहस के साथ सचिन ने तेज गेंदबाजों का सामना किया वह किसी से छिपा नहीं है और सचिन के खास दिनों पर अक्सर ये बातें होती रहती हैं। सचिन 24 अप्रैल 1973 को पैदा हुए।इस बार सचिन तेंदुलकर 46 साल के हो जाएंगे। उनके इस जन्मदिन के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर को भगवान कब और किसने कहा था। सचिन तेंदुलकर को भगवान कहे जाने को लेकर कई बातें हैं जो हम आपको बताएंगे। लेकिन सनद रहे कि सचिन तेंदुलकर को पहले सिर्फ भगवान ही कहा गया और फिर धीरे-धीरे लोगों ने उन्हें क्रिकेट के भगवान की संज्ञा  दी।

यह है दिलचस्प वाकया:
भारतीय टीम 1998 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। इस सीरीज के दौरान सचिन तेंदुलकर कवर ड्राइ खेलने के दौरान आउट हुए थे। इस दौरान एक मैच में सचिन तेंदुलकर ने वह शॉट दोबारा नहीं खेला और उन्होंने अपने विकेट बचाते हुए दोहरा शतक जड़ दिया। डैनियल मार्टिन जैसे गेंदबाजों के सामने सचिन तेंदुलकर ने सब्र बनाए रखा और अनुशासित बल्लेबाजी करते हुए दोहरा शतक जड़ दिया। इस सीरीज में सचिन तेंदुलकर को ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी मैथ्यू हेडेन काफी गौर से देख रहे थे और उनकी अनुशासित बल्लेबाजी को देखकर हेडेन काफी प्रभावित हुए थे। हेडेन ने सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा था- “हां मैंने भगवान को देखा है, वह भारत के लिए नंबर चार पर बल्लेबाजी करता है।” सचिन तेंदुलकर को लेकर हेडेन का यह कॉम्पलिमेंट लोगों का जुबान पर चढ़ गया।

90 के दशक के बाद सचिन भगवान हुए और क्रिकेट धर्म:
90 के दशक  में सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के तौर पर और बड़ा नाम बनते चले गए। उनकी क्रिकेट के दुनिया भर में प्रशंसक बने और उन्होंने टीम इंडिया के नाम कई बड़ी जीत भी की।आलम यह हुआ कि मैदान पर “क्रिकेट धर्म है और सचिन भगवान” जैसे पोस्टर स्टेडियम में अक्सर दिखाई देने लगे। इसके अलावा  इफ क्रिकेट इज रिलिजन, सचिन इज गॉड ’ किताब के लेखक बालसुब्रमण्यम श्याम और संथानम विजय द्वारा प्रकाशित की गई थी जिसका टाइटल  28 फरवरी 2009 को बदलकर गॉड ऑफ क्रिकेट ही कर दिया गया।